मुंबई
कोरोना की तीसरी ओमिक्रॉन लहर धीमी पड़ती जा रही है। ऑफिस और स्कूल खुलने लगे हैं। लोग पहले की तरह बेफिक्र दिख रहे हैं। इसके साथ ही चौथी लहर से जुड़ा जो प्रिडिक्शन है वह थोड़ा चिंता पैदा करने वाला है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन पहले ही चेता चुका है कि ओमिक्रॉन आखिरी वैरियंट नहीं है। इसके बाद होने वाले म्यूटेशन और ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। अब एक्सपर्ट ने बताया है कि चौथी लहर कितनी खतरनाक हो सकती है। कोविड की अगली वेव अल्फा या डेल्टा जैसी सीवियर हो सकती है। इससे पहले IIT Kanpur के वैज्ञानिक कैलकुलेशन निकाल चुके हैं कि कोरोना की अगली लहर दुनिया मई से जून के बीच आएगी।
डेल्टा फैमिली का हो सकता है अगला वैरियंट
वैज्ञानिक पहले भी कह चुके हैं कि कोरोना हमारे बीच ही है। इसके वैरियंट्स आते रहेंगे। अब यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनेबर्ग से वायरस के इवॉल्यूशन की पढ़ाई करने वाले वैज्ञानिक Andrew Rambaut ने जर्नल Nature को बताया कि बहुत संभव है कि चौथी लहर में कोरोना डेल्टा या अल्फा लीनिएज (वंशावली) का हो। उन्होंने बताया कि इसमें इम्यून सिस्टम को भेदने की पर्याप्त क्षमता हो सकती है ताकि ओमिक्रॉन को पछाड़ सके।
मास्क और वैक्सीन बचने के उपाय
वहीं कुछ वैज्ञानिक यह उम्मीद भी जता रहे हैं कि साल 2022 के आखिर तक कोरोना धीरे-धीरे सामान्य वायरस की तरह सीजनल वायरल में बदल जाए। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि चौथी लहर कितनी खतरनाक होगी यह बात वैरियंट के टाइप, यह कितनी तेजी से मल्टिप्लाई हो रहा है और कितने लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं, इस पर भी निर्भर करेगी। डॉक्टर्स का कहना है कि जिन्होंने सेकंड डोज नहीं लगवाई, उन्हें लगवा लेनी चाहिए। वहीं हेल्थ वर्कर्स, सीनियर सिटीजन्स और जिन्हें बीमारी के चलते ज्यादा खतरा है वे बूस्टर डोज ले लें। वहीं कोरोना से बचाने का बेस्ट तरीका मास्क है जो लंबे वक्त तक साथ रहेगा।