पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ तय किए आरोप

नई दिल्ली
पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली की एक अदालत ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। तीनों पर जनती मस्जिद को आग लगाने का आरोप है। इसके अलावा तीनों पर तोड़फोड़ और दंगा करने के मामले में भी आरोप तय किए गए हैं।
 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने दीपक, प्रिंस और शिव के खिलाफ दंगों, गैरकानूनी सभा, चोरी, शरारत और भारतीय दंड संहिता (IPC) की आगजनी से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए। अदालत ने दो गवाहों शरीम और साजिद के बयान, एक वीडियो और वीडियो की सीएफएसएल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए। कौन हैं 7.75 करोड़ में बिके रोमारियो शेफर्ड, जिनको लेने के लिए कई फ्रेंचाइजी में होड़ मच गईकौन हैं 7.75 करोड़ में बिके रोमारियो शेफर्ड, जिनको लेने के लिए कई फ्रेंचाइजी में होड़ मच गई

 

दो गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी के मुद्दे पर कोर्ट ने कहा, 'यह ध्यान रखने की जरूरत है कि 24.2.2020 से दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में हुए अभूतपूर्व दंगों के कारण आतंक और डर का महौल बना रहा। जनता इस हद तक डरी हुई थी कि कोई भी पुलिस को बयान देने को राजी नहीं था। यही कारण है कि उपरोक्त गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी के लिए अभियोजन पक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।' अदालत ने कहा कि मुकदमे के दौरान जिरह के आधार पर गवाहों के बयान पर अविश्वास करना बेहद अनुचित होगा। कोर्ट प्रथम दृष्टया आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सुबूतों को पर्याप्त माना।