नई दिल्ली। देश में तेजी से पश्चिमी देशों की तरह उधार लेकर खर्च करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसी का असर है कि देश में क्रेडिट कार्डधारकों की संख्या में पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ी है। पिछले पांच सालों में देश में क्रेडिट कार्डधारकों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है। स्टेटिस्टा के आंकड़ों के अनुसार भारत में वित्त वर्ष 2017 में क्रेडिट कार्डधारकों की संख्या 2.98 करोड़ थी जो वित्त वर्ष 2021 में बढ़कर 6.2 करोड़ रुपए हो गई।
भारत में डिजिटल पेमेंट पर नजर रखने वाली संस्था वर्ल्डलाइन इंडिया के अनुसार देश में क्रेडिट कार्ड के जरिए खर्च पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी अधिक हुआ है। 2021 पूरे साल के दौरान क्रेडिट कार्ड से कुल 2.14 अरब लेनदेन हुए, जिनका कुल मूल्य करीब 8.8 लाख करोड़ रुपए था। इन लेनदेनों में से 1.08 अरब लेनदेन बिक्री केंद्रों और 1.06 अरब लेनदेन ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर हुए हैं। इनमें बिक्री केंद्रों पर क्रेडिट कार्ड के जरिए 3.67 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है जबकि ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर 5.2 लाख करोड़ का भुगतान हुआ है।
वर्ल्डलाइन इंडिया के अनुसार 2020 में भारत में एक क्रेडिट कार्ड पर आने वाला औसत बिल करीब 3,653 रुपए का था जो 2021 में बढ़कर 4,122 रुपए हो गया है।
वर्ल्डलाइन इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि “बिक्री केंद्रों और ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर लेनदेन की संख्या लगभग बराबर है लेकिन दोनों के मूल्य में एक बड़ा अंतर है। वहीं कोरोना के बाद क्रेडिट कार्ड उपभोक्ता अब बिक्री केंद्रों की अपेक्षा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना अधिक पसंद कर रहे हैं।
डेबिट कार्ड का उपयोग 29 फीसदी गिरा: देश में एक तरफ क्रेडिट कार्ड और यूपीआई का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है वहीं डेबिट कार्ड का उपयोग तेजी से गिर रहा है। वर्ल्डलाइन इंडिया के मुताबिक देश में डेबिट कार्ड से लेनदेन में 2021 में करीब 29 फीसदी की गिरावट हुई है जबकि यूपीआई से लेनदेन में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस समय देश में डेबिट और क्रेडिट कार्ड मिलकर एक अरब कार्ड जारी किये जा चुके हैं। इसमें से 93 फीसदी डेबिट और 7 फीसदी क्रेडिट कार्ड है।