देवघर
देवघर से दिल्ली के लिए 30 जुलाई से सीधी उड़ान शुरू होगी। देवघर एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा ने बताया कि शनिवार से दिल्ली से देवघर और देवघर से दिल्ली के लिए हवाई उड़ान सेवा देवघर एयरपोर्ट से शुरू हो जाएगी। उसको लेकर लगभग सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं। बताते चलें कि दिल्ली से देवघर की पहली फ्लाइट से 12 सांसदों के आने की पूरी संभावना है। उसमें भोजपुरी के तीन सुपरस्टार भी बाबानगरी पहुंचेंगे। दिल्ली से देवघर की पहली फ्लाइट की पहली टिकट स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे ने बुक की है। सांसद निशिकांत दुबे के साथ ही इंडिगो की पहली फ्लाइट से गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के साथ भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार अभिनेता गोरखपुर सांसद रवि किशन, उतर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी और आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ भी देवभूमि पहुंचेंगे।
वहीं प्रिविलेज कमेटी के चेयरमैन सांसद सुनील सिंह, सांसद प्रदेश वर्मा, रवींद्र कुशवाहा, कमलेश पासवान सहित कई अन्य सांसद भी बाबानगरी पहली फ्लाईट से पहुंच रहे हैं। जानकारी के अनुसार दिल्ली से देवघर पहली फ्लाईट लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुढ़ी आ सकते हैं। हालांकि बताया यह भी जा रहा है कि उनकी मां की तबीयत ठीक नहीं चल रही है। अगर मां की सेहत ठीक रही तो वह खुद बतौर पायलट फ्लाइट टेकऑफ व लैंडिंग करेंगे।
सभी सांसद श्रावण मास में बाबा वैद्यनाथ का दर्शन-पूजन करेंगे। दिल्ली की पहली फ्लाइट से आने वाले सांसदों का जोरदार स्वागत बाबानगरी में करने की तैयारी भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से चल रही है। सांसदों का रोड शो भी कराया जाएगा। 31 जुलाई को सभी सांसदों की देवघर से फ्लाइट से दिल्ली वापसी होगी। कोलकाता के बाद दिल्ली की फ्लाईट शुरू होने को लेकर आमलोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। बड़े शहरों के लिए विमान सेवा जल्द शुरू कराए जाने की दिशा में पहल चल रही है। देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन होने के बाद से ही बाबानगरी आने और यहां से जाने वाले यात्रियों से फ्लाईट भरी रह रही है। 12 जुलाई को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों एयरपोर्ट का उद्घाटन होने के बाद इंडिगो की ओर से देवघर-कोलकाता के बीच नियमित उड़ानें शुरू करायी गयी हैं।
वर्तमान समय में 78 सीटर इंडिगो फ्लाइट उड़ान भर रही है। देवघर एयरपोर्ट के डायरेक्टर की मानें तो विमान सेवा शुरू होने के बाद हर दिन फ्लाइट की पूरी सीट बुक रह रही है। कभी-कभार एक-दो सीटें कम रहती हैं। सामान्य रूप से यात्रियों की संख्या पूरी रहती है।