नई दिल्ली
भारत और यूरोपीय संघ (European Union) ने आपस में व्यापार बढ़ाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है. इसमें व्यापार, निवेश और भौगोलिक संकेतों (GI Tag) समेत अन्य प्रस्तावित समझौतों के लिए आधिकारिक बातचीत की शुरुआत हो गई है. इस बारे में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) का कहना है कि इस कदम से दोनों पक्षों को फायदा होगा. मुक्त व्यापार (Free Trade Agreement) जैसे समझौते से दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा. भारत और यूरोपीय संघ ने 17 जून को आठ साल के लंबे अंतराल के बाद औपचारिक रूप से प्रस्तावित समझौतों पर फिर से बातचीत की शुरुआत की है.
मुक्त व्यापार समझौता
गोयल ने कहा कि वे यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत करने के लिए ब्रसेल्स आए थे. पिछले कुछ महीनों में हमारे द्विपक्षीय व्यापार में काफी बढ़ोतरी हुई है. इन तीन समझौतों के बाद अब हम अब तक छूटी रहीं संभावनाओं का भी सही से इस्तेमाल कर सकेंगे. ये तीन समझौते व्यापार, निवेश और जीआई से संबंधित हैं.
भारत ने 2007 में 27 देशों के आर्थिक ब्लॉक के साथ 'द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते' (BTIA) पर बातचीत शुरू की थी, लेकिन वाहनों पर सीमा शुल्क जैसे मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई. इस वजह से 2013 में बातचीत ठप पड़ गई. अब 8 साल बाद एक बार फिर से दोनों पक्षों के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हुई है.
नई तकनीक और निवेश
भारतीय पक्ष की प्रमुख मांगों के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि भारत आधुनिक उत्पादों पर दुनिया के साथ जुड़ना चाहता है और उन क्षेत्रों को देखना चाहता है जहां वह नई तकनीक और निवेश के मामले में लाभ उठा सके. उन्होंने कहा कि सभी कार्ड टेबल पर हैं और हम खुले दिल और खुले दिमाग के साथ बातचीत कर रहे हैं. समझौतों को हमेशा लाभ या मांगों के बारे में नहीं होना चाहिए.
भारत में होगी बातचीत
यूरोपियन कमीशन के कार्यकारी उपाध्यक्ष वाल्डिस डोम्ब्रोव्स्की ने कहा कि दोनों पक्ष एक महत्वाकांक्षी और व्यापक एफटीए का लक्ष्य बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगले दौर की बातचीत नई दिल्ली में होगी. यह 27 जून से एक जुलाई तक चलेगी. हमारा उद्देश्य 2023 के अंत तक वार्ता पूरी करने का है.
दोनों पक्षों के बीच कारोबार
भारत और यूरोपीय संघ के बीच पहले से ही कारोबार होता आया है. दोनों देश महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार हैं. दोनों के बीच 120 अरब यूरो का सालाना व्यापार होता है. भारत के लिए यूरोपीय संघ तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है. 2021 में कुल भारतीय कारोबार में उसकी हिस्सेदारी लगभग 11 फीसदी थी. वहीं 2021 में यूरोपीय संघ के कुल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 2 फीसदी से कुछ अधिक रही थी.
जीआई मुख्य रूप से कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हैंडक्राफ्ट और औद्योगिक प्रोडक्ट) की पहचान स्थापित करता है. ये टैग उस वस्तु या उत्पाद को उसकी निश्चित भौगोलिक पहचान देता है. भारत में दार्जिलिंग चाय, चंदेरी साड़ी, मैसूर रेशम, कुल्लू शॉल, बीकानेरी भुजिया, कांगड़ा चाय, तंजावुर पेंटिंग, इलाहाबादी सुरखा, फर्रुखाबाद प्रिंट और कोल्हापुरी चप्पल जैसी कई वस्तुओं को जीआई टैग हासिल है.