फतेहाबाद
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा पंजीकृत किसान समितियों को कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए अनुदान दिया जाता है। इसके लिए ग्राम पंचायत, एफपीओ, किसानों की को-आपरेटिव समिति ही इन सीटू क्राप रेजिडयू मैनेजमेंट स्कीम के तहत 80 प्रतिशत लेने के लिए 25 अगस्त तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 27 अगस्त को उन्हें कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए अपने सभी दस्तावेज सहायक कृषि अभियंता, फतेहाबाद के कार्यालय में जमा करवाने होंगे। दरअसल धान के सीजन में पराली का निस्तारण करने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाते है ताकि इसका निदान हो सके। अक्सर देखने में आता है कि पराली में आग लगाने के कारण प्रदूषण बढ़ता है जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है।
नया नियम लागू हुआ
वर्ष 2022-2023 के दौरान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए इन सीटू क्राप रेजिडयू मैनेजमेंट स्कीम के तहत 80 प्रतिशत अनुदान राशि (कस्टम हायरिंग केंद्र) के नए निर्देशानुसार अब पंजीकृत किसान समिति को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। अब केवल ग्राम पंचायत, एफपीओ, किसानों की को-ऑपरेटिव समिति ही अनुदान के लिए मान्य होगी। कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापना के लिए रेड व येलो जोन वाले गांव को प्राथमिकता दी जाएगी। कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापना के लिए अधिकतम 15 लाख रुपये तक के कम से कम 3 प्रकार व अधिक से अधिक 5 प्रकार के कृषि यंत्र ले सकते हैं, जिस पर अधिकतम 12 लाख अनुदान मिल सकता है।
ये ले सकते है अनुदान
कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए स्कीम के लिए कृषि यंत्र जैस सुपर एसएमएस, हैप्पी सीडर, स्ट्रॉ चोपर/श्रेडर, मलचर, श्रुब मास्टर/ रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबल प्लोऊ, जीरो ड्रिल, सुपर सीडर, स्ट्रॉ बेलर व क्रॉप रिपर में से कम से कम तीन व अधिक से अधिक पांच कृषि यंत्र अनुदान पर ले सकते हैं। कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए आवेदित कृषि यंत्र पर पिछले 4 वर्षों के दौरान (2018-2019 से 2021-2022) किसी भी स्कीम में अनुदान न लिया हो उसे प्राथमिकता चाहिए।
ये चाहिए दस्तोवज
कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापना के लिए आवेदन के लिए वांछित दस्तावेज ग्राम पंचायत, एफपीओ, किसानों की को-ऑपरेटिव समिति का पंजीकरण संख्या, पैन कार्ड, आधार कार्ड (प्रधान), राज्य में रजिस्टर्ड ट्रेक्टर की वैध आरसी किसी भी सदस्य के नाम, कस्टम हायरिंग केंद्र के नाम का बैंक खाता, केंद्र के सभी सदस्यों के नाम कृषि भूमि, सभी सदस्यों के परिवार पहचान पत्र, मेरी फसल मेरा ब्योरा होना अनिवार्य है।
किसान एक साल तक नहीं बेच सकेंगे ट्रैक्टर
जिन किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए चयन कर लिया जाएगा। इसके बाद किसान आवेदन में दर्ज ट्रेक्टर को आगामी 31 मार्च, 2023 तक नहीं बेच नहीं सकता और अनुदान पर लिया गया कृषि यंत्र 5 वर्षों तक नहीं बेचा जा सकता। किसान आवेदन करते समय ध्यानपूर्वक अपनी सभी जानकारियां भरे। अगर संसाधन बेचता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है