चीन की पैंतरेबाजी से चिंता में पड़े चार देश, जानें भारत पर क्या होगा असर

नई दिल्ली।

चीन और सोलोमन द्वीप समूह के बीच हुआ हालिया समझौता इन दिनों सुर्खियों में है। अमेरिका सहित चार देशों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। हालांकि, चीन ने इस समझौते को जायज बताते हुए सफाई दी है कि इस समझौते से किसी अन्य देश को नुकसान नहीं पहुंचेगा। वहीं, सोलोमन द्वीप के प्रधानमंत्री मानसेह सोगावरे ने भी चीन संग सुरक्षा समझौते की पुष्टि करते हुए इसका बचाव किया है। उन्होंने इसे पूरी तरह से आंतरिक सुरक्षा स्थिति से संबंधित बताया। कहा कि इससे क्षेत्र की शांति और सौहार्द की अनदेखी नहीं होगी। 

क्या समझौता हुआ?
इस समझौते से चीन अपनी पुलिस, सशस्त्र बलों, सैन्यकर्मियों और अन्य कानून प्रवर्तन दलों को सरकार के अनुरोध पर द्वीपों पर भेज सकता है। यह चीन के नौसैनिक जहाजों को रसद सहायता के लिए द्वीपों का उपयोग करने की अनुमति भी प्रदान करता है। दोनों पक्ष सामाजिक व्यवस्था के रखरखाव, मानवीय सहायता और प्राकृतिक आपदा से निपटने में सहयोग करेंगे।

किन देशों ने चिंता जताई?
इस समझौते को लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान ने चिंता जताई है। अमेरिका अपने दो शीर्ष अधिकारियों को सोलोमन भेजने की योजना बना रहा है। पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के सीनेटर जेड सेसेल्जा ने सोलोमन द्वीप का दौरा किया था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि चीन इस द्वीपसमूह में सैन्य बेस स्थापित कर सकता है।