भारत में रोहिंग्या मुसलमानों की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, NIA ने 6 तस्करों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने भारतीय क्षेत्र में रोहिंग्या मुसलमानों की तस्करी करने वाले गिरोह के छह लोगों को गिरफ्तार किया है। देश की शीर्ष जांच एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि यह गिरोह असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय के साथ-साथ अन्य हिस्सों के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय था। अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए ये छह लोग भारतीय क्षेत्र में रोहिंग्या मुसलमानों की अवैध तस्करी में शामिल एक गिरोह का हिस्सा थे।

संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया में सबसे अधिक उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों में रोहिंग्या मुसलमानों को शामिल किया है। सैकड़ों-हजारों रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार की सेना की कार्रवाई से बचने के लिए 2017 में अपने घरों से भाग गए। मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और देश की सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही उन पर रखाइन राज्य में फैली भयावहता पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया है।

लखनऊ से गिरफ्तार हुआ तस्कर रफीक
कुछ दिन पहले ही यूपी एटीएस ने मानव तस्करी गिरोह के सदस्य मोहम्मद रफीक उर्फ रफीक उल इस्लाम को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। वह जेल में निरुद्ध अपने एक साथी ईस्माइल से मिलने आया था। यह गिरोह जाली दस्तावेजों के आधार पर म्यांमार और बांग्लादेश से महिलाओं व बच्चों को अवैध रूप से भारत लाकर बेचता है।
 

रोहिंग्या कैम्प में हुआ था रफीक
रफीक का जन्म बांग्लादेश के रोहिंग्या कैम्प में हुआ था, जबकि उसके माता-पिता मूल रूप से म्यांमार के रहने वाले थे। वर्तमान में वह भारत में हैदराबाद स्थित बहादुरपुरा कमिला में रह रहा है। रफीक जब चार साल का था तभी इसके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी। उसका पालन पोषण चाचा मकसूद अली ने किया और उन्हीं के साथ बांग्लादेश बॉर्डर अवैध रूप से पार करके भारत आ गया था। शुरुआत में वह पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में रहा। बाद में वह मेवात की एक लोहा बनाने वाली कंपनी में काम करने लगा और वहीं से फर्जी पते पर आधार कार्ड बनवा लिया।