नई दिल्ली
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में भारत अपने सैनिकों को नहीं भेज रहा है। इस बात की जानकारी श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने दी है। उच्चायोग ने उन रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिनमें कहा जा रहा था कि भारत, श्रीलंका में सैनिक भेजने की तैयारी कर रहा है। दक्षिण एशियाई मुल्क में सरकार से नाराज जनता सड़कों पर उतर आई है। हालात की गंभीरता के मद्देनजर श्रीलंका में 36 घंटों का कर्फ्यू लगाया गया है।
उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'उच्चायोग मीडिया के एक वर्ग में जारी झूठी और निराधार खबरों का मजबूती से खंडन करता है कि भारत अपने सैनिक श्रीलंका भेज रहा है। उच्चायोग ऐसी गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग की भी निंदा करता है और उम्मीद करता है कि संबंधित अफवाहें फैलाना बंद कर देंगे।' कुछ रिपोर्ट्स सामने आई थी कि भारत गोटबाया राजपक्षे की अगुवाई वाली सरकार के लिए सैनिक भेजने की योजना बना रहा है। हालांकि, भारत ने संकट से जूझते श्रीलंका की मदद के लिए 40 हजार मीट्रिक टन डीजल की खेप भेजी है। कोलंबो में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, 'भारत की तरफ से श्रीलंका को और ईंधन की आपूर्ति की गई। 500 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट के जरिए भारतीय सहयोग के जरिए 40 हजार MT डीजल की खेप उच्चायोग की तरफ से माननीय ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे को सौंपी गई।'
आगे जानकारी दी गई, 'यह LoC के तहत चौथी खेप है। भारत की तरफ से बीते 50 दिनों में दो लाख टन ईंधन भेजा गया।' खबर है कि श्रीलंका में शनिवार से कर्फ्यू शुरू हो गया है, जो सोमवार तक जारी रहेगा। इससे पहले भी श्रीलंकावासियोंने राष्ट्रपति राजपक्षे के घर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया था। खबरें थी कि देश में हालात काफी बिगड़ते जा रहे हैं। जनता बिजली कटौती से खासे परेशान हैं।