नई दिल्ली
तमिलनाडु में पिछले साल आठ दिसंबर को हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे की तीनों सेनाओं की जांच रिपोर्ट पूरी होने के करीब है और इसे अगले हफ्ते वायुसेना के मुख्यालय को सौंपे जाने की संभावना है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने शनिवार को यह जानकारी दी। राज्य में कुन्नूर के पास हुए इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य की मृत्यु हो गई थी।
घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया कि लंबी-चौड़ी रिपोर्ट को सौंपे जाने के लिए अंतिम रूप दिया जा रहा है। समझा जाता है कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली जांच टीम ने हादसे के लिए जिम्मेदार संभावित मानवीय त्रुटि सहित सभी संभावित पहलुओं की छानबीन की है। साथ ही, इस पहलू की भी जांच की है कि जब हेलीकॉप्टर उतरने की तैयारी कर रहा था, तब चालक दल के दिशाभ्रमित होने का कहीं यह मामला तो नहीं है।
घटनाक्रम के जानकार लोगों ने बताया कि 'कोर्ट ऑफ इनक्वायरी' के निष्कर्ष और उसके द्वारा अपनाई गई प्रकिया की कानूनी पड़ताल की जा रही है। उनमें से एक व्यक्ति ने बताया, ''कानूनी पड़ताल यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि जांच टीम ने सभी निर्धारित नियमों एवं प्रक्रिया का पालन किया हो। '' हादसे के संभावित कारणों के बारे में पूछे जाने पर कई विमानन विशेषज्ञों ने कहा है कि पायलट के परिस्थितिजन्य जागरूकता खोने से दृश्य भ्रम होने पर कई हवाई दुर्घटनाएं होने के उदाहरण हैं। उनमें से एक ने कुन्नूर हादसे के बारे में कयास लगाने से इनकार करते हुए कहा कि खराब मौसम कभी-कभी परिस्थितिजन्य जागरूकता खोने का कारण बन जाता है।
घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली जांच टीम ने सभी संभावित पहलुओं की जांच की है और रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रही है, जिसे एक हफ्ते के समय में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी को सौंपे जाने की उम्मीद है। हालांकि, इस विषय पर कोई आधिकारिक विवरण उपलब्ध नहीं है। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर एमआई-17वी5 का ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकार्डर दुर्घटना स्थल से 9 दिसंबर को बरामद किया गया था।