नई दिल्ली।
चीन के अतिक्रमण को लेकर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और कानून मंत्री किरण रिजिजू के बीच बहस हुई। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि चीन लगातार भारतीय सीमा में अतिक्रमण कर रहा है, पर सरकार उसे रोकने की कोई कोशिश नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश के युवा को उठाकर ले गई। इसकी सूचना किसी विपक्ष के नेता ने नहीं, बल्कि भाजपा सांसद ने ट्वीट कर दी थी।
चीन को लेकर प्रधानमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि चीन की सेना हमारी सीमा में नहीं घुसी। चीन इस मुद्दे को पकड़ कर कहता है कि हम भारतीय सीमा में नहीं घुसे बल्कि भारत उसकी सीमा में घुसा है। भारत के प्रधानमंत्री खुद यह स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर कहा था कि चीन भारतीय सीमा में घुसा है, पर प्रधानमंत्री का बयान आने के बाद रक्षामंत्री के ट्वीट को फौरन डिलीट कर दिया जाता है। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अधीर रंजन चौधरी सदन में विपक्षी पार्टी के नेता हैं। इसलिए, उन्हें सदन में बहुत जिम्मेदारी से अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चौधरी ने जो बात कही है, वह तथ्यामक रूप से गलत है। रिजीजू ने कहा कि जिस किशोर के अपहरण की बात विपक्ष के नेता कर रहे हैं वह गलती से चीनी सीमा में चला गया था। दरअसल, अधीर रंजन चौधरी से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा था।
घर्म संसद को लेकर भी सरकार ने अधीर को समझाया
वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को सदन में हरिद्वार में धर्म संसद में वक्ताओं के भाषणों को लेकर पूर्व सैन्य अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखे जाने का उल्लेख किया जिस पर सरकार ने कहा कि इस 'असत्यापित दस्तावेज' का सदन में उल्लेख नहीं किया जा सकता। चौधरी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा था, ''चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे हमें निपटना होगा। हमें पहले अंदर की चीजों को सही करना होगा….हरिद्वार में धर्म संसद की घटना के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने पत्र लिखा था…सरकार ने इस मामले में क्या किया है।''
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बाद में सदन में कहा कि कांग्रेस नेता चौधरी ने चार पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारियों द्वारा एक पत्र लिखे जाने का उल्लेख किया है जो एक 'असत्यापित दस्तावेज' है। मंत्री ने कहा कि ऐसे किसी 'असत्यापित पत्र' का सदन में संदर्भ नहीं दिया जा सकता और ना ही उसे यहां लाया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह पत्र कांग्रेस नेता को भी संबोधित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह के संदर्भ को कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। इस पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताई। हालांकि पीठासीन सभापति रमा देवी ने कहा कि इस विषय को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला देखेंगे।