नई दिल्ली
गुलाम नबी आजाद को मिले पद्मभूषण पुरस्कार को लेकर कांग्रेस पार्टी दो खेमे में बंटी नजर आ रही है। एक तरफ पार्टी के शीर्ष नेता जयराम रमेश इसे लेकर आजाद पर निशाना साध चुके हैं तो कपिल सिब्बल ने इस पर कांग्रेस पार्टी को ही कठघरे में खड़ा किया। अब इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने आजाद का खुला समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ये अनुचित विवाद है, पुरस्कार के लिए आजाद की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की जानी चाहिए। गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने कहा कि वह गुलाम नबी आजाद को मिले पद्म भूषण सम्मान की सराहना करते हैं। वह इस अनुचित विवाद से ''परेशान'' हैं जबकि आजाद की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की जानी चाहिए।
दरअसल कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद को मिला पद्म भूषण सम्मान इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि आजाद कांग्रेस के उस 'जी 23' का हिस्सा हैं जिसने 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय अध्यक्ष की मांग की थी। कपिल सिब्बल और इस समूह के कई नेताओं ने आजाद को पद्म भूषण सम्मान की बधाई दी थी। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार रात आजाद पर कटाक्ष किया था। जयराम रमेश ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का उदाहरण देते हुए कहा था कि जिस तरह उन्होंने पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार किया, आजाद को भी यही करना चाहिए था। उन्होंने कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था कि यही सही चीज थी करने के लिए, वह आजाद रहना चाहते हैं गुलाम नहीं।