उदयपुर
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के उदयपुर के निकट मदार गांव में आयोजित कार्यक्रम में गोगुंदा से भाजपा विधायक प्रताप गमेती को दी गई महाराणा प्रताप की तस्वीर चरणों में रखे जाने से विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस सहित कई पार्टियों के नेता तथा आम लोगों ने इस हरकत को महाराणा प्रताप का अपमान बताया है। प्रताप के अपमान से जुड़े इस नए मामले से करणी सेना के पदाधिकारी भड़क उठे हैं। करणी सेना ने भाजपा विधायक को धमकी देते हुए कहा कि जयपुर आने पर उनका अच्छे से स्वागत किए जाने की चेतावनी दी है। करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष भंवर सिंह सलादिया के वायरल आडियो में उन्होंने गोगुंदा विधायक को कहा कि एमएलए साहब अपनी आदत सुधार लो। आप एमएलए की हैसियत से रहो, अपमान करने की जरूरत नहीं है। जब आपको महाराणा प्रताप का सम्मान करना नहीं आता तो आप मोमेंटों क्यों लेते हो? उन्होंने कहा कि आओ विधानसभा में आओ, फिर बताएंगे। जयपुर में आपका अच्छे से वेलकम किया जाएगा।
आंदोलन की धमकी
करणी सेना अध्यक्ष सलादिया ने इस मामले में विधानसभा के घेराव तथा आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने क्या भांग खा रखी है जो आए दिन महाराणा प्रताप का अपमान करते हैं। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने तो बाद में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने महाराणा प्रताप का अपमान किया। इधर, कांग्रेस नेता गोपाल शर्मा का कहना है कि भाजपाइयों का असल चरित्र यही है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के बाद भाजपा अध्यक्ष भी इससे पहले महाराणा प्रताप का अपमान कर चुके हैं। इसके बाद भी यह सबक नहीं लेते। इससे जाहिर है कि उनकी मंशा साफ है। राजपूत सभा के स्थानीय नेताओं ने भी इस मामले में आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गोद लिए गांव मदार में राज्यपाल कलराज मिश्र के कार्यक्रम के दौरान आयोजन स्थल पर मेहमान प्रतिनिधियों को महाराणा प्रताप की तस्वीरें बतौर उपहार में दी थी। विधायक प्रताप गमेती ने उपहार में मिली तस्वीर पांवों के पास टेबल के पास रख दी थी। जिसको लेकर कांग्रेस सहित विभिन्न पार्टियों के जनप्रतिनिधियों तथा आम लोगों ने निंदा की और इसे महाराणा प्रताप का अपमान बताया।
विधायक गमेती बोले, मानवीय भूल के चलते ऐसा हुआ
इधर, गोगुंदा विधायक प्रताप गमेती का कहना है कि महाराणा प्रताप उनके लिए ही नहीं, समूचे मेवाड़ के लिए स्मरणीय हैं। मानवीय भूल के चलते ऐसा हो गया। सामने लगे टेबल पर गुलदस्ता चिपकाया हुआ था और उसके चलते तस्वीर वहां रखी नहीं जा सकती थी, इसलिए उसे टेबल के सहारे जमीन पर रख दिया था। अपमान हमारी मंशा नहीं थी। हमारा समुदाय महाराणा प्रताप का सहयोगी रहा है।