देहरादून
डीएवी पीजी कालेज विधि संकाय के छात्र-छात्राओं ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सेमेस्टर परीक्षाएं आनलाइन माध्यम से करने की मांग की है। इस संदर्भ में बुधवार को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के परीक्षा नियंत्रक को पत्र भेजा। डीएवी कालेज विधि संकाय प्रतिनिधि वर्षा धीमान ने बताया कि कालेज में 31 जनवरी से 17 फरवरी तक विधि के विभिन्न सेमेस्टरों की आफलाइन परीक्षाएं निर्धारित हैं। लेकिन प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आफलाइन परीक्षा करवाना खतरनाक साबित हो सकता है। उत्तराखंड में दिनोंदिन मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसे देखते विवि परीक्षा आयोजित करने के तीन विकल्पों पर विचार करे। जिनमें आनलाइन परीक्षा आयोजित करना। परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न व बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते परीक्षा तिथि कुछ समय के लिए टालने का अनुरोध किया गया है। छात्रों इस सदंर्भ में कालेज के प्राचार्य डा.अजय सक्सेना को भी यह ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने कहा कि लंबे समय से इस संबंध में मांग की जा रही है, लेकिन उनकी मांग को अनदेखा किया जा रहा है, जिससे छात्रों ने रोष बना हुआ है। कहा कि छात्रहित में निर्णय लेते हुए इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई की जाए।
वन नेशन वन योजना बन रही राशन डीलरों के लिए चुनौती
सरकारी राशन डीलर के लिए वन नेशन वन योजना चुनौती बनती जा रही है। इसके तहत उपभोक्ता अलग-अलग सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन ले रहे हैैं। ऐसे में राशन डीलर का स्टाक खत्म होने पर कई बार उक्त दुकान के नियमित कार्डधारकों को राशन से वंचित होना पड़ रहा है। उत्तराखंड उचित दर राशन विक्रेता संघ के महामंत्री बीडी शर्मा ने बताया कि राशन डीलर को हर माह एफसीआइ गोदाम को राशन उपभोक्ताओं के यूनिट की सूची देनी होती है। इसके अनुसार उन्हें राशन उपलब्ध होती है। कहा कि सरकार ने वन नेशन वन योजना शुरू की है। जिसका लाभ अन्य राज्यों के कार्डधारक भी ले रहे हैैं। कहा कि उपभोक्ता कई बार दूसरी सस्ते-गल्ले की दुकानों से राशन ले रहे हैैं। ऐसे में नियमित राशन कार्डधारकों को राशन से वंचित होना पड़ रहा है। सरकार की ओर से इन कार्डधारकों को बायोमैट्रिक के जरिये राशन दिया जा रहा है। जिसका रिकार्ड आनलाइन दर्ज हो रहा है। डीएसओ जसवंत सिंह कंडारी ने कहा कि राशन डीलर को निर्देश दिए गए हैैं कि वन नेशन वन योजना के तहत उपभोक्ताओं को राशन से वंचित न किया जाए। ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इन उपभोक्ताओं की अलग से सूची बनाई जाए। यदि कोई उपभोक्ता दूसरी दुकान से राशन लेता है तो उससे संपर्क किया जाए। जिससे सस्ते-गल्ले की दुकान के नियमित राशन कार्डधारक को राशन से वंचित न होना पड़े।