चेन्नई
मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने तमिलनाडु की एक लड़की को वर्चुअल मोड में शादी की इजाजत दे दी है, जो एक अमेरिकी नागरिक संग सात फेरे लेना चाहती है। कन्याकुमारी जिले की वासमी सुदर्शनी ने मदुरै पीठ में याचिका दायर की थी। इसमें उसने राहुल एल मधु के एक एनआरआई से शादी करने का प्रस्ताव रखा था, जो फिलहाल अमेरिका में रहता है और उसके पास अमेरिकी नागरिकता है। सुदर्शनी ने अपनी याचिका में कहा, 'हमारे पेरेंट्स ने इसकी इजाजत दे दी है। हम दोनों हिंदू धर्म को मानते हैं। स्पेशल मैरेज एक्ट के तहत हम शादी करने की योग्यता रखते हैं। इस एक्ट के तहत हमने वर्चुअल मोड में शादी करने के लिए अप्लाई किया है।'
मैरेज रजिस्ट्रार बोला- 30 दिनों तक करें इंतजार
याचिका में कहा गया है कि 'हम दोनों व्यक्तिगत रूप से मैरेज रजिस्ट्रार के सामने पेश हुए थे, लेकिन हमें अपनी शादी के आवेदन पर निर्णय लेने के लिए 30 दिनों के इंतजार की शर्त रख दी गई। 30 दिनों के बाद भी रजिस्ट्रार ने हमारे विवाह आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की।' इसमें कहा गया कि 'मेरे होने वाले पति राहुल के पास यहां रुकने का और अधिक समय नहीं बचा था। साथ ही उनके पास अपनी छुट्टी बढ़ाने का भी कोई रास्ता नहीं था। ऐसे में वे अमेरिका गए, लेकिन उन्होंने हलफनामा दिया है कि वह उनकी ओर से विवाह पंजीकरण के लिए किसी भी कार्रवाई का पूरा अधिकार देते हैं।'
इस स्थिति में सुदर्शनी ने अपनी याचिका में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शादी की इजाजत मांगी। साथ ही इसे स्पेशल मैरेज एक्ट के तहत मान्यता देने की मांग की है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने सब-रजिस्ट्रार को तीन गवाहों की मौजूदगी में शादी कराने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता के पास राहुल की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी है, ऐसे में शादी के बाद वह अपने और राहुल की ओर से मैरेज सर्टिफिकेट पर अपना हस्ताक्षर कर सकती है।