नई दिल्ली
संसद में शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा से विपक्ष के 12 निलंबित सांसदों के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने सोमवार सुबह 10 बजे बैठक बुलाई है। हालांकि सरकार ने उन दलों को इस बैठक में बुलाया है, जिनके सांसद निलंबित किये गए हैं। वहीं इस मामले पर अब विवाद भी शुरू हो गया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित करने के बजाए केवल 4 दलों के नेताओं को आमंत्रित करने को अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार बताया।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन पर 4 विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। यह विपक्ष को बांटने की साजिश है। इस मुद्दे पर सभी विपक्षी दल एकजुट हैं। हमने सरकार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए पत्र लिखा है।
बता दें कि बीते शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से गतिरोध का समाधान खोजने के लिए वीकेंड में काम करने को कहा था। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने कहा कि बैठक में शामिल होने के आह्वान को एक समूह के रूप में लेना होगा। उन्हें लगा कि देर से आया निमंत्रण एक सांकेतिक प्रयास था, न कि वास्तव में ट्रेजरी और विपक्षी बेंच के बीच की दरार को ठीक करने की ईमानदार इच्छा।
बता दें कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और शिवसेना के फ्लोर नेताओं ने पुष्टि की कि उन्हें श्री जोशी से बैठक बुलाने के लिए संदेश मिले थे। बीते रविवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से कहा था कि 12 सांसदों के निलंबन के विरोध में विपक्षी दल एकजुट है। सरकार से हमारी सहमति नहीं बनी है। सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित करने के बजाए केवल 4 विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित करना अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है।