नई दिल्ली
भारत ने चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में किए जाने को निरर्थक बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे नाम रखने से यह तथ्य नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभन्नि हिस्सा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का अपनी भाषा में नामकरण किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आज मीडिया के सवालों पर कहा 'हमने ऐसी रिपोर्टें देखी हैं। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का अपनी भाषा में नामकरण किया है। अप्रैल 2017 में भी चीन ऐसा कर चुका है।' बागची ने कहा कि स्थानों के नए नाम रखने से यह तथ्य नहीं बदलता है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अटूट हस्सिा रहा है और रहेगा।
दरअसल, चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की है। चीन अरुणाचल प्रदेख के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को दी गई खबर में कहा कि चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि उसने जांगनान, अरुणाचल प्रदेश के लिये चीनी नाम, में 15 स्थानों के नामों को चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला में रखा है। अपने दावे की पुष्टि के लिए चीन शीर्ष भारतीय नेताओं और अधिकारियों के अरुणाचल प्रदेश के दौरे का नियमित रूप से विरोध करता है।