नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि मोदी सरकार विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाने के लिए शीतकालीन सत्र के अंत में संसद में जल्दबाजी में एक विधेयक ला रही है। उन्होंने शादी के लिए महिलाओं की न्यूनतम उम्र 21 साल करने को संदिग्ध और राजनीति से प्रेरित बताया है। कांग्रेस नेता ने कहा, ''सरकार के इस प्रस्ताव का पहले से ही विभिन्न महिला प्रतिनिधियों और संगठनों ने भी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे अवैज्ञानिक और अवास्तविक बताते हुए खारिज कर दिया है।''
हुए वेणुगोपाल ने आगे कहा, ''युवा महिलाओं (खासकर ग्रामीण इलाकों) के शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। स्पष्ट रूप से, सरकार ने इस प्रस्ताव को लाने से पहले विभिन्न हितधारकों के साथ उचित चर्चा नहीं की थी। इसलिए, कांग्रेस पार्टी सरकार द्वारा इस तरह के विधेयक को आगे बढ़ाने के किसी भी प्रयास के खिलाफ है।"
गांधी परिवार के एक प्रमुख राजनीतिक सहयोगी वेणुगोपाल ने भी सरकार को एक प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा, "यदि मोदी सरकार वास्तव में गंभीर है और महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है, तो इसके बजाय, लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लाया जाना चाहिए। , लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की सीटों में महिलाओं के लिए दो-तिहाई सीटों पर आरक्षण दे।''
उन्होंने मांग की कि सरकार को महिला प्रतिनिधियों और संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाने के अपने प्रस्ताव पर व्यापक चर्चा शुरू करनी चाहिए, न कि केवल बिना जांच के विधेयक को रफा-दफा करने की कोशिश करनी चाहिए। राजनीतिक मंशा का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "प्रस्ताव के पीछे सरकार का समय और इरादा भी बेहद संदिग्ध और राजनीति से प्रेरित है। सरकार केवल किसानों के मुद्दों, लखीमपुर की घटनाओं, केंद्रीय मंत्री अजय को अपने संरक्षण से ध्यान हटाने के लिए इस प्रस्ताव का उपयोग कर रही है।"
सपा, वामपंथी दल, आईयूएमएल, एआईएमआईएम भी उन पार्टियों में शामिल हैं, जिन्होंने पहले ही प्रस्ताव का विरोध किया है। कुछ मुस्लिम संगठनों ने भी उनके पर्सनल लॉ में घुसपैठ का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया है। बिल संसद में सरकार-विपक्ष के टकराव को बढ़ा सकता है।