नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने जिस तरह से संसद में चीन और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों को लेकर बयान दिया है उसके बाद उनका यह बयान चर्चा में है। राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की नीतियों के चलते पाकिस्तान और चीन के रिश्ते और करीब हुए हैं। राहुल गांधी के इस बयान पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि मैं इस बयान का समर्थन नहीं करता हूं। प्राइस ने कहा कि मैं इसे पाकिस्तान और पीआरसी पर छोड़ता हूं वह अपने रिश्ते पर प्रतिक्रिया दें।
राहुल गांधी के बयान को केद्रीय मंत्रियों ने आलोचना की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी को इतिहास के पाठ की जरूरत है। पाकिस्तान ने अवैध तरीके से 1963 में शाक्सगैम वैली को चीन को दिया था, उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया है कि इस सरकार ने पाकिस्तान और चीन को करीब लाने का काम किया है। शायद उन्हें इतिहास के कुछ पाठ की जरूरत है। 1963 में पाकिस्तान ने शाक्सगैम वैली को चीन को गैरकानूनी तरह से सौंप दिया था। चीन ने वहां काराकोरम हाइवे पीओके से होते हुए 1970 में बनाया।
राहुल गांधी की चीन की अक्सर यात्रायों पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग भारत में रहते हैं वो जानते हैं कि कोरोना की लहर कहां से आई है। भारत ने हाल ही में सेंट्रल एशिया के पांच देशों के साथ बैठक की है। क्या राहुल गांधी उस बैठक को भूल गए जो 27 जनवरी को हुई थी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि राहुल भटके हुए बिना दिमाग के हैं, जो सिर्फ चीन की प्रशंसा करते हैं।
राहुल गांधी ने संसद में कहा चीन के पास बहुत ही स्पष्ट सोच है कि वो क्या करना चाहत हैं। भारत की एक ही सबसे बड़ी विदेश नीति है कि पाकिस्तान और चीन को अलग रखें। लेकिन आपने किया क्या, आप दोनों को और करीब ले आए। किसी भी भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है, आपको अपनी सेना की ताकत को कमतर आंकने की जरूरत नहीं है। आपक पाकिस्तान और चीन को करीब लेकर आए हैं, यह भारत के लोगों के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध है।