नई दिल्ली
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने संयुक्त उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए मुलाकात की, तो वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी की ममता बनर्जी और सपा के अखिलेश यादव सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं से संपर्क किया। भाजपा ने राजनाथ सिंह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा को 18 जुलाई को होने वाले चुनाव से पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए अन्य दलों के साथ परामर्श करने का जिम्मा सौंपा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को कहा कि 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने भले ही पार्टी प्रमुख शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनने की अपील की है, लेकिन पवार ने एक बार फिर उनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है और दिल्ली में अगले हफ्ते प्रस्तावित बैठक में उनसे कुछ अन्य नामों पर विचार करने का आग्रह किया है। महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का हिस्सा राकांपा ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पवार के नाम की सिफारिश करने के वास्ते 17 विपक्षी दलों का आभार भी जताया।
कांग्रेस, समावादी पार्टी, राकांपा, द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों सहित 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुधवार को दिल्ली में बुलाई गई बैठक में शिरकत की थी। लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनने की अपील की थी।
इन चार नामों पर चर्चा कर रहा विपक्ष?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जो नाम बैठक के दौरान उठे उनमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी, एनके प्रेमचंद्रन और एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं। शरद पवार के नाम पर ज्यादा चर्चा रही और खुद ममता ने उनका नाम किया था। इसके बाद ज्यादातर पार्टियों ने एक सुर में उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया। जब शरद पवार नहीं माने, उसके बाद फिर बंगाल की सीएम ने नया नाम उठाया। इस बार महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी को उम्मीदवार बनाने की बात हुई। हालांकि अभी तक किसी के नाम पर मुहर नहीं लगी है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया आरंभ होने के साथ ही बुधवार को जहां विपक्षी दलों ने अपनी तरफ से चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार उतारने के लिए कुछ नामों पर मंथन किया वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से भी इस मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए कुछ सहयोगी दलों के साथ ही कुछ प्रमुख विपक्षी नेताओं और कुछ गैर-राजग व गैर-संप्रग दलों के नेताओं से बातचीत की गई।
नड्डा ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला से बात की। इसके अलावा उन्होंने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), ऑल झारखंड स्टूडेंट्य यूनियन (आजसू) और कुछ निर्दलियों से भी बात की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिंह ने जनता दल (यूनाईटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती और वाईएसआर कांग्रेस नेता जगन मोहन रेड्डी से भी फोन पर बात की। राजनाथ सिंह ने कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बीजद और सपा सहित अन्य विपक्षी दलों से अपनी बात के दौरान उम्मीदवार को लेकर उनकी प्राथमिकता जाननी चाही जबकि विपक्षी नेताओं ने सिंह से भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम जानना चाहा।