बंगाल
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ असंवैधानिक कार्य कर रहे हैं. वह अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सरकारी काम में बाधा डाल रहे हैं. इसलिए वकील रमा प्रसाद सरकार ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने अपनी याचिका में जगदीप धनखड़ को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग की. वादी ने सवाल उठाया है कि राज्यपाल संविधान के बाहर काम कर रहे हैं. उन्होंने अधिकार क्षेत्र से बाहर के सरकारी कार्यों में किस प्रकार हस्तक्षेप किया? इसके लिए उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट में केस दायर किया है. इस मामले में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और देश के राष्ट्रपति का भी नाम है. मामले की सुनवाई अगले सप्ताह 11 फरवरी को होगी.
बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ राज्य के विभिन्न मुद्दों पर लगातार ट्वीट करते रहते हैं. वह प्रशासन से लेकर नीति-निर्माण तक सभी मामलों में राज्य सरकार के खिलाफ खड़े नजर आते हैं. कभी-कभी वह किसी सरकारी कार्यक्रम में जाते हैं और उसी तरह राज्य की आलोचना करते हैं. वादी के अनुसार राज्यपाल के लिए ऐसा व्यवहार कभी भी वांछनीय नहीं है.
वादी के अनुसार राज्यपाल पद की अलग गरिमा होती है. राज्यपाल का पद मानद होता है, जो कोई भी इस पद पर बैठता है. उसे इस पद की गरिमा का पालन करना चाहिए, लेकिन, हर मामले में मौजूदा राज्यपाल को जब भी ट्वीट करने या मीडिया में बोलने का मौका मिलता है, तो वह राज्य सरकार के खिलाफ बोलते हैं. इससे राज्यपाल की गरिमा गौरव को ठेस पहुंची है. कोर्ट के दखल की मांग को लेकर केस दर्ज किया गया है. मामले की सुनवाई 11 फरवरी को होगी.
तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधानसभा के आगामी बजट सत्र के दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने के विकल्प पर विचार कर रही है. टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, “हम राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने जिस तरह से विधानसभा और स्पीकर का अपमान कर रहे हैं, वह बंगाल के राजनीतिक इतिहास में अभूतपूर्व है, लेकिन हमें संवैधानिक विशेषज्ञों से यह विचा- विमर्श करने की भी जरूरत है कि क्या राज्यपाल के खिलाफ इस तरह का प्रस्ताव लाया जा सकता है और इसके क्या परिणाम होंगे. ’ बता दें कि राज्य में बंगाल के राज्यपाल और ममता बनर्जी के बीच लगातार तकरार मची हुई है.