भारत दौरे पर यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष, रूस पर चेतावनी

नई दिल्ली
पिछले एक से डेढ़ महीने में भारत में जितने वैश्विक नेता पहुंचे हैं, भारत के साथ जितने वैश्विक नेताओं की बैठक हुई है, शायद उतनी बैठकें एक साल में होती हैं। ये वैश्विक पटल पर ना सिर्फ भारत के बढ़ते प्रभाव को दिखाया है, बल्कि, यूक्रेन युद्ध के लिए भारत कितना महत्वपूर्ण है और भारत के बिना रूस को काउंटर करना कितना मुश्किल है, इससे यह भी जाहिर होता है। इस वक्त यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन दिल्ली के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने एक बार फिर से चेतावनी देने की कोशिश की हैं।

रूस को लेकर चेतावनी यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने नई दिल्ली में कहा कि, अगर यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया और अगर यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को चुनौती नहीं दी गई, तो फिर इसका असर हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर होगा। उन्होंने कहा कि, रूस को नहीं रोकने पर एक ऐसी दुनिया बन सकती है, 'जो चाहे वो करेंगे' को सही ठहराने की कोशिश की जा सकती है और इससे हिंद प्रशांत क्षेत्र भी अछूता नहीं रहेगा, जहां पहले से ही काफी तनाव है। फ्रांस की रहने वाली वॉन डेर लेयेन देर रात भारत पहुंची हैं और उनका भारत दौरा दो दिनों का है, जहां वो भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगी और फिर रायसीना डायलॉग की शुरूआत करेंगी।

भारत के साथ यूक्रेन पर चर्चा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि, वो भारत के साथ यूक्रेन संकट पर रूस की आक्रामकता को रोकने के लिए स्पष्ट चर्चा करेंगी। दिल्ली दौरे पर आने से पहले एक इंटरव्यू के दौरान उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि, 'यूरोपीय संघ (ईयू) अन्य देशों को भी रूस और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन में जारी रक्तपात की क्षमता को बाधित करने के लिए प्रतिबंध लगाने के अपने प्रयासों में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है'। उन्होंने कहा कि, 'रूस की आक्रामकता ना सिर्फ व्यक्तिगत तौर पर देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है।'

 ‘इंडो-पैसिफिक पर होगा असर’ यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की तरह इंडो पैसिफिक में भी संभावित जोखिम के बारे में पूछे जाने पर, जहां चीन काफी आक्रामक है और जिसका कई देशों के साथ सीमा-विवाद चल रहा है, वॉन डेर लेयेन ने कहा कि, "मेरा मानना है कि ये एक जोखिम है, अगर इस आक्रामकता को चुनौती नहीं दी जाती है, तो फिर हम सभी को एक ऐसी दुनिया का सामना करना पड़ सकता है, जहां 'जो मन करे, वो करेंगे' सही साबित सकता है। यूरोपीय संघ कानून के शासन के लिए है, बंदूक के शासन के लिए नहीं।" उन्होंने कहा कि, "यह न केवल यूरोप में बल्कि इंडो-पैसिफिक में भी मान्य है, जहां हम बढ़ते तनाव को देख रहे हैं। अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति के साथ हमने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है, कि इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा और समृद्धि में यूरोपीय संघ की मजबूत हिस्सेदारी है।"

 उन्होंने आगे कहा कि, "हम अपने दोस्तों और भागीदारों के साथ काम करना चाहते हैं, विशेष रूप से भारत के साथ काम करना चाहते हैं।" ‘भारत के साथ नजदीक से काम’ वॉन डेर लेयेन ने कहा कि, वह दुनियाभर के भागीदारों के साथ यूरोपीय संघ के गहन परामर्श के हिस्से के रूप में नई दिल्ली में वार्ताकारों के साथ भी यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा करेंगी। उन्होंने कहा कि, "मैं अपने सभी वार्ताकारों से जो कहती हूं, वह यह है कि हमें अब इस आक्रामकता को रोकने की जरूरत है। हमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रों की संप्रभुता के लिए सम्मान बनाए रखना चाहिए।" उन्होंने कहा, "हम इस संबंध में भारत के साथ भी बहुत निकटता से काम करते हैं और हम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के साथ-साथ भारत जो यूक्रेन में बार बार मानवीय मदद पहुंचा रहा है, उसकी हम सराहना करते हैं'। उन्होंने कहा, "अकारण हमला" पुतिन द्वारा वैश्विक शांति और सुरक्षा को रेखांकित करने वाले सिद्धांतों के लिए एक चुनौती है।"