नई दिल्ली।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने लगी है। संसद के दोनों सदनों और राज्य विधानसभाओं में भाजपा व उसके गठबंधन की ताकत को देखते हुए इन दोनों पदों पर राजग के उम्मीदवारों का चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। भाजपा की तरफ से रणनीतिक कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के हाथ में होगी।संपर्क, संवाद व समन्वय का मोर्चा रक्षा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्नाद जोशी संभालेंगे। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में कमान भाजपा व राजग के मुख्यमंत्रियों के पास रहेगी।
जून के मध्य में जारी होगी अधिसूचना
जून माह के मध्य में राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने अभी से ही इस पर रणनीति बनानी शुरू कर दी है। उम्मीदवारों के नाम को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। साथ ही गैर-राजग दलों को टटोलने पर भी काम चल रहा है। मई माह से इन दलों के साथ औपचारिक संवाद व संपर्क का काम शुरू होगा।
संसद व विधानसभाओं के लिए अलग टीम
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा राष्ट्रपति चुनावों के लिए जो रणनीतिक टीम तैयार कर रही है, उसके केंद्र में तो प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह रहेंगे। साथ ही संसद से लेकर विभिन्न विधानसभाओं तक के मोर्चे पर पार्टी के वरिष्ठ नेता कमान संभालेंगे। लोकसभा की रणनीति के केंद्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रहेंगे, तो राज्यसभा में सदन के नेता व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अहम भूमिका में रहेंगे। संगठन स्तर पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा कमान संभालेंगे। संसद के दोनों सदनों में समन्वय का काम संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी करेंगे। राज्यों में जहां भाजपा व राजग की सरकारें हैं, वहां के मुख्यमंत्री अपने दल व गठबंधन के साथ मोर्चा संभालेंगे।
बीजद और वाईएसआरसीपी के समर्थन की उम्मीद
सूत्रों बताते हैं कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए भाजपा पहले सर्वसहमति बनाने की कोशिश करेगी। मगर, विपक्ष के साथ मौजूदा रिश्तों को देखते हुए इसकी संभावना बहुत कम है। ऐसे में भाजपा अपनी चुनावी जीत को बड़ा करने के लिए विपक्षी खेमे में सेंध भी लगा सकती है। बीजद और वाईएसआरसीपी जैसे गैर-संप्रग दलों का भाजपा को साथ मिल ही सकता है। यह काम संसद से लेकर राज्य विधानसभाओं तक में होगा। वैसे भी कई विषयों पर उसे संसद में बीजद व वाईएसआरसीपी का सहयोग मिलता रहा है।
24 जुलाई को समाप्त हो रहा कोविंद का कार्यकाल
इस साल 24 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में जुलाई में चुनाव के लिए मतदान होगा। इसके बाद उप राष्ट्रपति का चुनाव होगा। हालांकि, उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं, इसलिए वहां पर भाजपा व राजग के पास अपना पर्याप्त बहुमत है।
राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में बहुमत से कुछ ही कम है राजग
राष्ट्रपति का निर्वाचक मंडल 10,98,903 वोट का है। इसमें जीत के लिए बहुमत का आंकडा 5,49,452 है। इसमें एक सांसद का वोट का मूल्य 708 है। देश के 4,120 विधायकों में हर राज्य की जनसंख्या व सीटों की संख्या के आधार पर विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग है। उत्तर प्रदेश के विधायक का सबसे ज्यादा 208 वोट मूल्य है। संसद के दोनों सदनों व राज्य विधानसभाओं के आंकड़े को देखते हुए केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा व उसके गठबंधन राजग को लगभग नौ हजार वोटों की कमी दिख रही है। ऐसे में कुछ क्षेत्रीय दलों का साथ लेकर वह आसानी से चुनाव जीत सकती है।