नई दिल्ली
राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी के प्रस्ताव को रांकपा सुप्रीमो शरद पवार द्वारा ठुकराने के बाद अब विपक्ष ने नया दरवाजा खटखटाया है। बताया जा रहा है कि विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी के लिए महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी से संपर्क साधा है। इससे पहले गोपाल कृष्ण गांधी 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार थे। दरअसल, विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार पेश करने की कोशिश के बीच कुछ नेताओं ने संभावित विकल्प के तौर पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से संपर्क किया है। पीटीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी है। गांधी 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार थे। हालांकि वह चुनाव में एम वेंकैया नायडू से हार गए थे।
विपक्षी नेताओं ने गांधी से फोन पर बात की
रिपोर्ट के मुताबिक बताया कि विपक्षी दलों के नेताओं ने गांधी से फोन पर बात की और उनसे राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के अनुरोध पर विचार करने का आग्रह किया। हालांकि गांधी के अलावा कुछ अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है और विपक्षी नेताओं ने उनकी सहमति लेने के लिए उनसे भी संपर्क किया है।
गांधी ने नेताओं को दी है सकारात्मक प्रतिक्रिया
साल 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे गोपाल कृष्ण गांधी ने इन नेताओं से बुधवार तक का समय मांगा है। गांधी से संपर्क करने वाले नेताओं ने बताया कि इस अनुरोध पर उनकी शुरुआती प्रतिक्रिया 'सकारात्मक' रही है। पूर्व नौकरशाह गांधी ने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया है। वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं।
शरद पवार की ना के बाद नए उम्मीदवार की खोज
इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने स्थिति साफ कर दी है। उन्होंने सोमवार को हुई बैठक में बताया कि वह राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का चेहरा नहीं हैं। माना जा रहा था कि पवार इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। इतना ही नहीं यह भी बताया गया था कि कई छोटे-बड़े दलों ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं। इसके बाद नए उम्मीदवार की खोज शुरू हो गई थी
इन नामों पर चल रहा विपक्ष का मंथन
गोपाल कृष्ण गांधी का नाम आने से पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पवार के इनकार करने की स्थिति में जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के नाम पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और गुलाम नबी आजाद का नाम भी सामने आ रहा है। फिलहाल अब गांधी पर बात चल रही है।