नई दिल्ली
राज्यसभा से विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर सरकार ने सोमवार सुबह विपक्षी दलों को बैठक के लिए बुलाया है. हालांकि इसके लिए कांग्रेस, टीएमसी और सीपीआई समेत सिर्फ 4 विपक्षी दलों को न्यौता दिया गया है. कांग्रेस ने सरकार के इस रवैये का विरोध किया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित करार दिया है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने निलंबित सांसदों के मुद्दे पर संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में मीटिंग के लिए बुलाया है.
संजय राउत ने कहा कि इस मुद्दे पर सोमवार सुबह विपक्षी दल बैठक करेंगे. इसके बाद सरकार की ओर से मीटिंग में बुलाए जाने की बात पर फैसला लिया जाएगा. वहीं कांग्रेस का कहना है कि इस मुद्दे पर सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने सिर्फ 4 दलों को मीटिंग के लिए आमंत्रित किया. दरअसल कांग्रेस, टीएमसी, सीपीआई और सीपीएम के 12 सांसदों को राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खडगे ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को खत लिखकर कहा है कि 4 दलों के नेताओं को मीटिंग के लिए बुलाने का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है. सरकार की ओर से बुलाई गई यह बैठक सोमवार सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के ऑफिस में होगी. हालांकि इस बैठक में शामिल होने से पहले विपक्षी दल सुबह पौने 10 बजे बैठक करेंगे और फिर अंतिम निर्णय लेंगे.
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को लिखे पत्र में मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि, सभी 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष पूरी तरह से एकजुट है और 29 नवंबर से सभापति महोदय या सदन के नेता पीयूष गोयल से मांग कर रहे हैं कि इस मुद्दे पर गतिरोध खत्म करने के लिए सभी विपक्षी दलों को चर्चा के लिए बुलाना चाहिए.
बता दें कि 29 नवंबर को कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, सीपीआईएम और सीपीआई के 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया था. सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दल लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे और सरकार के फैसले को असंवैधानिक बता रहे थे.
अब सरकार ने इस मुद्दे पर चारों विपक्षी दलों को चर्चा के लिए बुलाया है लेकिन सीपीआईएम नेता एलामारम करीम ने कहा कि विपक्षी दल सोमवार सुबह इस बारे में तय करेंगे. क्योंकि हम इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार ने चर्चा के लिए सिर्फ 4 विपक्षी दलों को बुलाया है.