नई दिल्ली
गाजीपुर फूल मंडी के गेट पर आरडीक्स मिलने के मामले में स्पेशल सेल को रिपोर्ट मिल गई है। इस रिपोर्ट में एनएसजी ने आरडीएक्स होने की पुष्टि कर दी है। एनएसजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गाजीपुर फूल मंडी के बाहर से बरामद इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के साथ एक टाइमर डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था। एक नई सूचना ये भी मिली है कि टेलीग्राम पर बने एक ग्रुप में अलकायदा संगठन का सदस्य बनकर किसी ने बम रखने के बारे में जिम्मेदारी ली है लेकिन सुरक्षा एजेंसियां और दिल्ली पुलिस आयुक्त ने इसका खंडन किया है। जांच एजेंसी यह मान कर चल रही है कि कुछ समय पहले पाकिस्तान से 24 बमों का कंसाइनमेंट भारत भेजा गया था, उनमें कुछ बम पंजाब व जम्मू कश्मीर में बरामद भी हुए हैं। माना जा रहा है कि गाजीपुर में मिला बम उसी का हिस्सा हो सकता है। पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से जुड़े स्लीपर सेल के जरिए बम गाजीपुर तक लाया गया हो। स्लीपर सेल के जरिए बमों को चुनाव वाले राज्यों में भेजा जा रहा है। जहां तक स्विच की बात है तो सेल का कहना है कि हर बम में इसका इस्तेमाल होता है। 2005 और 2008 में इंडियन मुजाहिद्दीन ने जो दिल्ली में ब्लास्ट किया था, उस दौरान भी एबीसीडी स्विच मिला था। कई बार यह स्विच मिल चुका है। यह बम में ट्रिगर के रूप में काम करता है। इस तरह के स्विच पहले पाकिस्तान में ही बनते थे।