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भारत से हो रही नियमित बातचीत, जल्द ही इंडोनेशिया के पास होगी ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलः इना कृष्णमूर्ति

नई दिल्ली
 भारत में इंडोनेशिया की राजदूत इना कृष्णमूर्ति ने कहा कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक वातावरण में प्रौद्योगिकियों के साझाकरण पर नियमित चर्चा कर रहे हैं और रक्षा और सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। राजदूत ने कहा कि भारत द्वारा इंडोनेशिया को ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल देने पर भी बात चल रही है। दिप्रिंट के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, कृष्णमूर्ति ने कहा कि 2018 में जकार्ता और नई दिल्ली द्वारा रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, दोनों पक्ष अपने द्वारा उत्पादित उपकरणों और हथियारों के आधार पर प्रौद्योगिकी साझाकरण पर एक नियमित बातचीत कर रहे हैं।

कृष्णमूर्ति ने कहा, "इंडोनेशिया और भारत के बीच रक्षा पर सहयोग केवल खरीदने और बेचने के बारे में नहीं है। यह केवल निर्यात या आयात के बारे में नहीं है, यह उससे कहीं अधिक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम दोनों अपने रक्षा उद्योगों में एक-दूसरे की क्षमताओं और क्षमताओं को जानते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि इंडोनेशिया लड़ाकू विमानों के साथ-साथ रक्षा उपकरणों का भी उत्पादन करता है जिनका उपयोग संयुक्त राष्ट्र शांति सेना द्वारा किया जा रहा है। इना ने कहा कि पिछले रक्षा सहयोग में हम साफ तौर पर वृद्धि देख ही रहे हैं। अभी हमारे पास इंडोनेशिया से भारत और भारत से इंडोनेशिया जहाज आ रहे हैं। साथ ही दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच नियमित बातचीत हो रही है।
 
साल के अंत तक हो सकता है सौदा
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और इंडोनेशिया के बीच इस साल के अंत तक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के तट आधारित एंटी-शिप वैरिएंट के लिए एक और निर्यात ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों के बीच ब्रह्मोस मिसाइल के लिए ये सौदा इस साल के अंत तक या फिर अगले साल की शुरूआत में मुहर लगेगी और इस देरी के पीछे की वजह इंडोनेशिया ने अपनी कुछ घरेलू दिक्कतों को बताया है। इस सौदा के पूरा होते ही फिलीपींस के बाद भारत से मिसाइल आयात करने वाला इंडोनेशिया दूसरा आसियान सदस्य देश बन जाएगा। फिलीपींस के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे, कि इंडोनेशिया इस क्षेत्र के अन्य देशों में से एक है जिसने ब्रह्मोस मिसाइल में रुचि व्यक्त की है। रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2018 में नई दिल्ली में आयोजित आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के दौरान, दस आसियान नेताओं ने ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों के लिए भारत से संपर्क किया था।

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