नई दिल्ली
शिक्षा मंत्रालय ने गर्मी से बच्चों को बचाने के लिए स्कूलों को वर्दी के नियमों में छूट देने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि स्कूल छात्रों को ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनने की अनुमति दे सकते हैं। मंत्रालय ने गर्मी और लू के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए स्कूलों को बुधवार को दिशानिर्देश जारी किए, जिनमें यह सलाह दी गई है। मंत्रालय ने कहा, वर्दी के संबंध में मानदंडों में ढील दी जा सकती है। छात्रों को चमड़े के जूतों की जगह कैनवास के जूते पहनने की अनुमति दी जा सकती है। टाई लगाने से बच्चों को मना किया जा सकता है। वहीं, छात्रों को पूरी बाजू की शर्ट पहनने की सलाह दी जा सकती है।
ये सलाह भी
– स्कूल बस या वैन में क्षमता से ज्यादा छात्र नहीं बैठें। वाहन में पीने के पानी और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए।
– छात्र अपनी पानी की बोतलें, टोपी और छतरियां लेकर आएं। बाहर निकलने पर इनका इस्तेमाल करें।
– घर लौटते वक्त छात्र बोतलों में पर्याप्त पानी लेकर जाएं।
– छात्रों को गर्मी की लहर से निपटने के लिए उचित जलयोजन के महत्व से अवगत कराया जाना चाहिए। नियमित अंतराल पर पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जानी चाहिए।
– जलयोजन में वृद्धि से शौचालयों का उपयोग बढ़ सकता है। ऐसे में शौचालयों को स्वच्छ रखा जाना चाहिए।
– गर्मी भोजन को खराब कर सकती है। इसलिए पीएम पोषण के तहत ताजा भोजन परोसा जाए। प्रभारी शिक्षक भोजन परोसने से पहले भोजन की जांच कर सकते हैं।
– स्कूलों में कैंटीनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ताजा और स्वस्थ भोजन परोसा जाए।
– लंच या टिफिन के समय बच्चों को हल्का भोजन करने की सलाह दी जा सकती है।
– स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पंखे काम कर रहे हैं और सभी कक्षाएं ठीक से हवादार हैं।
– संभव हो तो वैकल्पिक पावर बैकअप की व्यवस्था की जा सकती है।
– सूर्य के प्रकाश को सीधे कक्षा में प्रवेश करने से रोकने के लिए पर्दे, अखबार आदि का उपयोग किया जा सकता है। ‘खस’ के पर्दे, बांस या जूट की चिक लगाई जा सकती है।