नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा में पथराव के बाद भड़की हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज करते हुए अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।वहीं पूरे इलाके में सुरक्षा व्वस्था और कड़ी कर दी गई है। इलाके को छावनी में तब्दील करते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती है।
डीसीपी (नॉर्थ-वेस्ट) उषा रंगनानी ने बताया कि जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी ने बताया कि इस हिंसा में 8 पुलिस कर्मियों और 1 नागरिक सहित 9 लोग घायल हो गए थे। एक सब-इंस्पेक्टर को गोली लगी है और उनकी हालत स्थिर है। घायलों को बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल भर्ती कराया गया है।
अंसार नाम के युवक ने शुरू की थी बहस
जहांगीरपुरी में तैनात इंस्पेक्टर राजीव रंजन के बयान के अनुसार, एफआईआर में कहा गया है कि शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थी, जब यह सी-ब्लॉक जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का एक शख्स अपने 4-5 अन्य लोगों के साथ वहां पहुंचा और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लगा। इसके बाद में दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया।
वहीं, जहांगीरपुरी इलाके में रहने वाले साजिद सैफी ने हिंसा पर कहा, “हिंदू और मुसलमान हमेशा से यहां एक साथ रहे हैं। मैंने इस मंदिर में प्रसाद खाया है और हिंदू हमारे साथ हमारे त्योहार मनाते हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है, यहां बाहरी लोगों ने शांति भंग की है।” बता दें कि साजिद सैफी इसी इलाके में एक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान चलाते हैं।
जहांगीरपुरी काे ब्लॉक बी और सी में सांप्रदायिक झड़पें हुईं हैं। इस ब्लॉक में मछली बेचने वाले, मोबाइल मरम्मत करने वालों की दुकानें और कपड़े के खुदरा विक्रेताओं सहित एक मजदूर वर्ग की आबादी रहती है।
गाली देते हुए हाथों में तलवारें और अन्य हथियार लेकर हमला करने का भी प्रयास किया। हथियार हवा में लहराते हुए प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। इसी दौरान कुछ हमलावरों ने वाहनों में तोड़फोड़ के साथ ही उन्हें आग के हवाले कर पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। शोभायात्र में शामिल लोगों ने बताया कि जिस तरीके से हमले की शुरुआत हुई, उससे यह स्पष्ट था कि हमलावरों ने पहले से ही ईंट, पत्थर, बोतलें जमा कर रखीं थीं और शोभायात्र के पहुंचते ही हमला कर दिया।