नई दिल्ली।
देश में शुरू हो चुकी कोरोना की तीसरी लहर पहले से बड़ी होगी और खत्म भी जल्द होगी। संक्रमण की तीव्रता के आंकड़ों के साथ-साथ विशेषज्ञों की तरफ से भी ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि जिस रफ्तार से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, उससे यह संकेत मिलने लगे हैं कि तीसरी लहर बड़ी होगी। यह पहली लहर को पार करने के करीब है। संक्रमण की पीक दूसरी लहर से भी बड़ी हो सकती है, लेकिन कितनी बड़ी होगी, अगले कुछ दिनों में इसका आकलन हो जाएगा। जिस प्रकार तेजी से संक्रमण बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से घटेंगे। बता दें कि देश में कोरोना की पहली लहर में 17 सितंबर 2020 को सर्वाधिक 97894 मामले एक दिन में दर्ज किए गए थे, जबकि दूसरी लहर में 7 मई 2021 को 414188 मामले दर्ज हुए थे। गुरुवार को संक्रमण पहली लहर के करीब पहुंच चुके हैं।
शुरुआती आंकड़ों से मिल रहे संकेत
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दूसरी एवं तीसरी लहर के शुरुआती आंकड़े भी इसी तरफ संकेत कर रहे हैं। देश में दूसरी लहर की शुरूआत पिछले साल 2 फरवरी से हुई थी। 2 फरवरी को न्यूनतम दैनिक संक्रमण 8635 दर्ज किए गए थे, जिसके बाद संक्रमण में बढ़ोत्तरी होती गई और 7 मई को संक्रमण पीक पर पहुंचा। इसके बाद संक्रमण में गिरावट आनी शुरू हुई। 28 दिसंबर को दैनिक संक्रमण 6358 दर्ज किए गए तथा इसके बाद बढ़ोत्तरी का दौर शुरू हुआ।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर के पहले नौ दिनों में संक्रमण दो फरवरी को 8635 से बढ़कर 11 फरवरी को 12923 तक पहुंचा। यानी नौ दिनों में सक्रमण में 49 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। दूसरी तरफ अब तीसरी लहर में नौ दिनों में 28 दिसंबर से छह जनवरी के बीच नये दैनिक संक्रमण 90928 तक पहुंच गए हैं। यानी नौ दिनों में 1330 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज के प्रोफेसर जुगल किशोर ने कहा कि आंकड़े स्पष्ट हैं कि यह ओमिक्रोन का संक्रमण बेहद तीव्र है। इसके दो नतीजे निकलते हैं। एक तरफ संक्रमण तेजी से बढ़ेगा और पहले से ज्यादा बढ़ेगा। यानी तीसरी लहर दूसरी से बड़ी हो सकती है। दूसरे अगले दस या कुछ और दिनों के बाद संक्रमण पीक पर पहुंच जाएगा।
विदेशों के अनुभव भी आएंगे काम
दुनिया में अब तक संक्रमण की कई पीक दर्ज की गई हैं, उनके मुकाबले इस बार संक्रमण बहुत तेज हैं। 7 जनवरी 2021 को विश्व में सबसे ज्यादा 892750 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद 23 अप्रैल को यह रिकार्ड टूट गया और 904253 मामले एक दिन में दर्ज किए गए। लेकिन ओमिक्रोन के संक्रमण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और 4 जनवरी 2022 को रिकॉर्ड 2610888 मामले दर्ज किए गए हैं। पांच सर्वाधिक प्रभावित देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली तथा स्पेन में भी पहले की तुलना में सर्वाधिक मामले आए हैं और काफी तेजी से बढ़े हैं। इसी प्रकार दक्षिण अफ्रीका के अनुभव बताते हैं कि 45 दिनों के भीतर संक्रमण में गिरावट शुरू हो चुकी थी।
डेल्टा की तुलना में हल्की है बीमारी
भारत में हुए अध्ययन बताते हैं कि जहां दूसरी लहर में डेल्टा के संक्रमण के दौरान अस्पताल में 20 फीसदी मरीजों को भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही थी, वहीं अभी यह दर 5 फीसदी से नीचे रही है। दिल्ली में यह 3.7 तथा मुंबई में 5 फीसदी दर्ज की गई है।
अगले 25 दिन निर्णायक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि संक्रमण के लिहाज से अगले 25 दिन बेहद अहम हैं। संकेत साफ है कि इन 25 दिनों के भीतर ही बीमारी चरम पर होकर गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा।