तिरुवनंतपुरम । केरल में कुछ महीने पहले तक अत्यधिक बारिश का सिलसिला चलता रहा था। अब मार्च के महीने में ही तापमान अधिक बढ़ने के साथ भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। भारत के इस तटीय राज्य में गर्मी के मौसम ने अभी दस्तक ही दी है और तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कुछ हिस्सों में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम और हीट स्ट्रोक की संभावना पैदा करता है।तापमान का यह स्तर उस गर्मी की ओर इशारा करता है, जो वायुमंडलीय तापमान और आर्द्रता के संयुक्त प्रभाव से अनुभव होती है। कई विकसित देश सार्वजनिक स्वास्थ्य चेतावनी जारी करने के लिए तापमान जैसा महसूस होता है रिकॉर्ड करने के लिए हीट इंडेक्स का उपयोग करते हैं। इसके अनुसार गुरुवार को तिरुवनंतपुरम जिले के दक्षिणी सिरे और अलप्पुझा, कोट्टायम और कन्नूर जिलों के कुछ क्षेत्रों में तापमान 54 डिग्री सेल्सियस से अधिक जैसा महसूस किया गया।
तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, कोझिकोड और कन्नूर के प्रमुख क्षेत्रों में भी 45-54 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि इन जगहों पर लंबे समय तक घर से बाहर रहने और फिजिकल एक्टिविटी के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। आम तौर पर, पूरे कासरगोड, कोझिकोड, मलप्पुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा और एर्नाकुलम में हीट इंडेक्स 40-45 डिग्री सेल्सियस तक होता ही है, जो लंबे समय तक धूप में रहने पर थकान का कारण बन सकता है। इडुक्की और वायनाड जैसे पहाड़ी जिलों के कुछ हिस्सों में ही 29 डिग्री सेल्सियस से नीचे का हीट इंडेक्स है।इडुक्की जिले के अधिकांश क्षेत्रों में भी तापमान इसी श्रेणी में दर्ज किया गया है। जैसा कि राज्य में तापमान बढ़ रहा है। केएसडीएमए, आईएमडी की स्वचालित मौसम मानचित्रण सुविधाओं का उपयोग करके हीट इंडेक्स मैप तैयार करता है। आईएमडी के तिरुवनंतपुरम केंद्र ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे बाहर जाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें और खुद को तेज गर्मी से बचाने के लिए अच्छी तरह से हाइड्रेट रहें।