…तो यहां के ब्राह्मण-ठाकुर भी बन जाएंगे ‘आदिवासी’, हिमाचल में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेलेगी भाजपा!

 शिमला नई दिल्ली
 
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़े केन्द्र सरकार कथित तौर पर एक बड़ा फैसला लेते हुए सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को 'आदिवासी' का दर्जा दे सकती है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो इस इलाके में रहने वाले सभी समुदायों को 'अनुसूचित जनजाति' का दर्जा मिल जाएगा। खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा पेश किए जाने वाले प्रस्ताव पर अंतरमंत्रालयी विचार विमर्श हो सकता है। पहले जहां हट्टी समुदाय को एसटी का दर्जा देने की मांग थी, वहीं केंद्र अब इस विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रहा है कि इस पूरे इलाके के लोगों को एसटी का दर्जा दे दिया जाए।

इससे पहले उत्तराखंड के जौनसार क्षेत्र में 1967 (तब अविभाजित उत्तर प्रदेश का हिस्सा) में भी इसी तरह से पूरे इलाके में रहने वाले लोगों को एसटी का दर्जा दिया गया था। इसके अलावा सिरमौर का ट्रांस-गिरी क्षेत्र का बॉर्डर जौनसार से लगा हुआ है। माना जाता है कि दोनों इलाके भले ही अलग-अलग राज्य में हैं, लेकिन दोनों में काफी सांस्कृतिक समानताएं हैं।

ब्राह्मण-ठाकुर भी बन जाएंगे 'आदिवासी'
राज्य के किसी क्षेत्र में हाल के दिनों में आदिवासी स्टेटस नहीं मिला है। अब केन्द्र सरकार की योजना को राज्य के चुनावों से पहले एक राजनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि अगर इस प्रस्ताव पर सहमति बनती है और इसे लागू किया जाता है, तो इसका मतलब होगा कि कई ओबीसी समुदायों और अनुसूचित जातियों के साथ-साथ ठाकुर और ब्राह्मण भी 'आदिवासी' बन जाएंगे।

भाजपा को होगा बड़ा फायदा!
दरअसल, देश में बनी आरक्षण कैटिगरी में एसटी को ओबीसी और एससी की तुलना में अधिक लाभ मिलते हैं। इस तरह का कोई भी फैसला क्षेत्र के मतदाताओं, विशेष रूप से राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हट्टी समुदाय को लुभाने की बड़ी कोशिश हो सकती है और इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा। इसके साथ ही इस फैसले से लाभान्वित होने वाली उच्च जातियां और ओबीसी समुदाय भी भाजपा के समर्थन में आ सकता है। 2022 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश में जुटी है। जबकि राज्य का इतिहास रहा है कि कांग्रेस और भाजपा बारी-बारी से सरकार बनाते हैं। राज्य में इसबार सत्ता विरोधी लहर तब सामने आई थी जब कांग्रेस ने नवंबर 2021 में मंडी लोकसभा क्षेत्र और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव जीते थे।

 

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