शुरूआत में टेलीविजन सेट और सेलफोन बंद करना स्वैच्छिक होगा
कोल्हापुर । महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले का एक गांव सामाजिक सुधार के मामले में एक बार फिर बड़ी मिसाल बनने जा रहा है। कोल्हापुर जिले के मनगांव ग्रांम पंचायत का मानना है कि दैनिक जीवन में इलेक्ट्रानिक गैजेट का प्रभाव बहुत बढ़ गया है। अब इस पर ठोस निर्णय लेने का वक्त आ गया है। करीब 15,000 की आबादी वाला मनगांव समय-समय पर ऐसे निर्णय लेकर सामाजिक सुधार की दिशा में बड़े काम करता आया है। हाल में ग्राम पंचायत ने फैसला लिया है कि बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने और परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करने व उनके काउंटर गैजेट जोड़ने के लिए हर रोज शाम 7 बजे से 8.30 बजे के बीच अपने सेलफोन और टेलीविजन सेट बंद करने होंगे। एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक: मानगांव के सरपंच कहना है कि इस डिजिटल युग में हम सभी सेलफोन और टीवी के आदी होते जा रहे हैं। इसके चलते एकाग्रता की कमी और परिवार के सदस्यों के बीच बातचीत नहीं होने जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। आगे चलकर पारिवारिक समस्याओं में तबदील होती जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पिछली 26 जनवरी को ग्राम पंचायत में भी चर्चा की गई थी। इस दौरान लत से छुटकारा पाने के लिए सर्वसम्मति से फैसला भी लिया गया था। पश्चिमी महाराष्ट्र का मानगांव देश सामाजिक सुधार आंदोलन के इतिहास में खास स्थान रखता है। डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर और छत्रपति शाहू महाराज ने 21 मार्च, 1920 को अस्पृश्यता के खिलाफ पहला संयुक्त सम्मेलन इसी गांव में आयोजित किया था. इतना ही नहीं मानगांव विधवाओं का दमन करने वाली सदियों पुरानी प्रतिगामी प्रथाओं के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला पहला राज्य है। ग्राम पंचायत का कहना है कि शुरूआत में टेलीविजन सेट और सेलफोन बंद करना स्वैच्छिक होगा लेकिन ग्राम पंचायत भविष्य में इसे अनिवार्य करने की योजना बना रही है। हालांकि इससे पहले हर घर को पांच मौके दिए जाएंगे। यदि कोई घर छठी बार नियमों का उल्लंघन करता है, तो संपत्ति कर में वृद्धि के रूप में जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि ग्राम पंचायत ने क्षेत्र में केबल ऑपरेटरों को हर दिन शाम 7 बजे से 8.30 बजे के बीच अपनी सेवाओं को डिस्कनेक्ट करने के लिए लिखा है। डीटीएच कनेक्शन वाले लोगों से अपने टीवी सेट बंद करने का आग्रह किया जाएगा।