देहरादून
प्रदेश में आज से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विधिवत लागू हो गई। देहरादून जनपद के ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा महानिदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाल वाटिका कक्षाओं में उपयोग होने वाली पुस्तिकाओं का विमोचन कर नई शिक्षा नीति की शुरुआत की।
बाल वाटिका में पढ़ाया जाएगा एलकेजी और यूकेजी का पाठ्यक्रम
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका कक्षाओं में एलकेजी और यूकेजी का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों से गुणवत्ता पर ध्यान देने के लिए कहा। वहीं, शिक्षा विभाग में तबादले पर सीएम धामी ने कहा कि इसे लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार इस पर नीति बना रही है। कहा, जिन प्रवक्ताओं को दस साल हो गए हैं, उन्हें प्रमोट किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
इसके साथ ही उत्तराखंड नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। प्रथम चरण में राज्य में प्रारंभिक शिक्षा के तहत करीब पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका कक्षाओं में नई शिक्षा नीति को अमल में लाया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका कक्षाओं में बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाया जाएगा। इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार हो चुका है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं व शिक्षकों के लिए हस्तपुस्तिका और बच्चों के लिए तीन अभ्यास पुस्तिकाएं (स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन) तैयार की हैं।
राज्य में 20 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। प्रथम चरण में इनमें से शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू होगा। राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों में कुल 14,555 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैनात हैं। इसके अलावा 14,249 सहायिकाएं और 4941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता कार्य कर रही हैं।