देश में कोरोना बूस्टर डोज की रफ्तार बेहद धीमी, 18-59 वर्ष की आयु के सिर्फ 12% को लगा टीका

नई दिल्ली
देश में कोरोना वायरस अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है इसका खतरा अभी भी बना हुआ है। यही वजह है कि सरकार लोगों से लगातार कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाने के लिए बार-बार अपील कर रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार की अपील का लोगों पर कोई खास असर नहीं हो रहा है। कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज से जुड़ा जो आंकड़ा सामने आया है वह इस बात की तस्दीक करता नजर आ रहा है। 18 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में से सिर्फ 12 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाई है।

 सरकारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि बूस्टर डोज को लगवाने का सिर्फ 35 फीसदी लक्ष्य ही अभी तक हासिल किया जा सका है। 18-60 वर्ष की उम्र के लोगों की कुल सख्या 168 मिलियन है जिन्हें कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाना चाहिए। 168 मिलियन लोगों में से 35 फीसदी लोगों को बूस्टर डोज लगाने का लक्ष्य हासिल किया जा सका है। 5 केंद्र शासित राज्य इस मामले में रेड जोन में हैं। यहां बूस्टर डोज का औसत 11 फीसदी से नीचे है।

गोवा में 11 फीसदी, हरियाणा में 10 फीसदी, पंजाब में 10 फीसदी, झारखंड में 9 फीसदी, नागालैंड में 9 फीसदी, मेघालय में 8 फीसदी लोगों ने ही कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाई है। चंडीगढ़ में 11 पीसदी लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई है। वहीं अंडमान निकोबार में सर्वाधिक 78 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाई है। लद्दाख में 59 फीसदी, पुड्डुचेरी में 42 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 35 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 34 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की डोज लगवाई है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सरकार इस आंकड़े को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए कोविड वैक्सीनेशन अमृत मोहत्सव की शुरुआत की गई है।

आंकड़े दर्शाते हैं कि देशभर में मंगलवार तक 157 मिलियन बूस्टर डोज दी जा चुकी है। वहीं बूस्टर डोज का अमृत महोत्सव अभियान 15 जुलाई को शुरू किया गया था उसके बाद से 103.9 मिलियन लोगों को बूस्टर डोज दी जा चुकी है। इस अभियान के तहत रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, वृद्धाश्रम में वैक्सीन अभियान चलाया गया।