बागलकोट
कर्नाटक में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) को शुक्रवार को एक बड़ी शमिंर्दगी झेलनी पड़ी। उन्होंने राज्य के बागलकोट जिले में एक दो समुदायों में झड़प के शिकार व्यक्ति को मुआवजे के तौर पर 2 लाख रुपये दिए, मगर उन्होंने मुआवजा लेने से इनकार करते हुए सिद्धारमैया की कार पर रुपये फेंक दिए। बीजेपी नेताओं ने इस घटना को कांग्रेस पार्टी की तुष्टीकरण की राजनीति पर जनता का जवाब बताया है। यह घटना सिद्धारमैया के एक दौरे के दौरान हुई, जो कांग्रेस विधायक के रूप में जिले में बादामी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
दरअसल सिद्धारमैया हिंसक झड़प में घायल हुए लोगों से मिलने गए थे, जिन्हें केरूर शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अल्पसंख्यक समुदाय के घायलों को कस्बे के अशीरवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने चारों घायलों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया। हालांकि, पीड़ितों और उनके परिजनों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और उनसे शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने में मदद करने का आग्रह किया।
राजमा ने पैसे वापस लौटाए
घायल व्यक्ति के परिवार की सदस्य राजमा ने पैसे लिए, लेकिन कहा कि वह पैसे नहीं शांति चाहती है। हालांकि सिद्धारमैया अपनी गाड़ी में बैठे हुए उनका हाथ पकड़कर उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह नहीं मानीं और पैसे उनकी कार पर ही फेंक दिए। इस बीच, शहर के एक अस्पताल में भर्ती दूसरे समुदाय के घायलों ने भी सिद्धारमैया से मिलने से इनकार कर दिया। विपक्षी नेता, जो उनसे मिलने के लिए तैयार थे, ने अंतिम समय में अपना दौरा रद्द कर दिया।
यह है पूरा मामला
दरअसल 6 जुलाई को, हिंदू जागरण वेदिक के एक सदस्य को चाकू मारने की घटना के बाद केरूर शहर में हिंसक झड़प हुई थी। छेड़खानी का विरोध करने पर अरुण कट्टिमणि को चाकू मार दिया गया था। उसके दो दोस्तों पर भी बदमाशों ने हमला कर दिया था। इससे समूहों के बीच झड़प हो गई और घटना में मुस्लिम समुदाय के पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने घटना के सिलसिले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15 अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।