नई दिल्ली
देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में देरी की वजह से इसकी अनुमानित लागत में काफी इजाफा हो गया है। मुंबई से अहमदाबाद के बीच .इस प्रोजेक्ट में देरी की कई वजहें बताई जा रही हैं जिनमें कोरोना महामारी और भूमि अधिग्रहण में देरी शामिल है। हालांकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें बताया गया है कि किस साल इस प्रोजेक्ट का कितना काम पूरा हुआ। वीडियो में दावा किया गया है कि 75 किलोमीटर में हाई स्पीड रेल ट्रैक का ढांचा तैयार है। एक टीवी कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि 2026 में बुलेट ट्रैन के पहले फेज का ट्रायल शुरू हो जाएगा। बता दें कि पहले यह डेडलाइन 2022 की ही दी गई थी।
1.08 से 1.6 लाख करोड़ हो गई अनुमानित लागत
2015 के सर्वे के मुताबिक मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट की लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी जो कि अब बढ़कर 1.6 लाख करोड़ हो गई है। इसमें जीएसटी नहीं शामिल है। टाइम्स ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट के मुताबिक भूमि अधिग्रहण पर बढ़े खर्च, सीमेंट की कीमतों में वृद्धि, स्टीर और कच्चा माल में महंगाई की वजह से यह अनुमानित लागत बढ़ गई है।
सितंबर 2017 में यह 508 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि केवल दादरा और नगर हवेली में ही 100 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण हो पाया है। वहीं गुजरात में 98.9 फीसदी और महाराष्ट्र में 73 फीसदी ही हो सका। महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी इसके पीछे बड़ी वजह बताई जा रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जून में ही कहा था कि इसके पहले चरण के ट्रायल की डेडलाइन 2026 होगी। गुजरात में सूरत से बिलमोड़ा के बीच 51 किलोमीटर की दूरी में पहले इसका ट्रायल होगा।