नई दिल्ली
गेहूं की सरकारी खरीद में तेज गिरावट दर्ज की गई है। वहीं दूसरी ओर प्राइवेट स्तर पर गेहूं की आक्रामक खरीद की जा रही है। इसके अलावा इस साल फसल में भी गिरावट देखी गई। ये वो तमाम कारण हैं जो पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) में बदलाव के कारक बन सकते हैं। खबर है कि सरकार योजना के लाभार्थियों को गेहूं की जगह ज्यादा चावल दे सकती है।
गेहूं की सरकारी खरीद में गिरावट के चलते सरकार तीन राज्यों – पंजाब, राजस्थान और हरियाणा को छोड़कर पीएम गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों के लिए लगभग 75% गेहूं आवंटन को चावल से बदल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि यह प्रस्ताव सरकार के पास है और इस पर जल्द ही फैसला हो सकता है। PMGKAY, जिसे कोविड-19 महामारी के दौरान लॉन्च किया गया था, को सितंबर तक बढ़ा दिया गया है और सरकार को इसके लिए लगभग 10 मिलियन टन (MT) गेहूं की आवश्यकता है।
इस योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को हर महीने पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मिलने वाले पांच किलो अत्यधिक सब्सिडी वाले खाद्यान्न के अलग है।