समय से एक दिन पहले बुधवार को खत्म हो सकता है संसद का शीतकालीन सत्र

नई दिल्ली
संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले ही खत्म होने की संभावना है।रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को संसद का शीतकालीन सत्र संपन्न हो सकता है। मौजूदा शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और इसके 23 दिसंबर तक चलने का कार्यक्रम था। संसदीय सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि चूंकि अधिकतर सरकारी कानूनी काम अब तक खत्म हो चुके हैं, इसलिए मौजूदा सत्र को उसके निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया जा सकता है। मंगलवार को संसद द्वारा वोटर लिस्ट डेटा को आधार से जोड़ने वाला बिल पास होने के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है। इस विधेयक के खिलाफ विपक्ष ने भी अपना विरोध दर्ज कराने के लिए वॉकआउट किया। जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने रिपोर्टर्स की मेज पर रूलबुक फेंकी, जिसके बाद राज्यसभा में हंगामा हुआ। ब्रायन के इस व्यवहार को देखते हुए उन्हें 'अमर्यादित व्यवहार' के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।

विपक्ष ने जताई दुरुपयोग की आशंका
आपको बता दें कि निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 में मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता पहचान कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। इस विधेयक के माध्यम से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किए जाने की बात कही गयी है। वहीं दूसरी ओर विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक के प्रावधानों का दुरूपयोग होने की आशंका जताते हुए कहा कि इससे मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग विशेषकर समाज का वंचित वर्ग प्रभावित होगा।

रिजिजू ने बताया- नए बिल की जरूरत क्यों
इससे पहले विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार ने निर्वाचन कानून में संशोधन का प्रस्ताव इसलिए किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण नहीं करा सके तथा फर्जी मतदान को रोका जा सके। रिजिजू ने कहा कि अब तक की व्यवस्था में 18 साल पार होने के बाद भी काफी लोग मतदान करने से वंचित रह जाते हैं क्योंकि एक जनवरी को पंजीकरण संबंधी एक ही 'कट आफ' तारीख होती है और इसमें ही नए मतदाताओं का पंजीकरण होता है। उन्होंने कहा कि अब पंजीकरण के संबंध में चार तारीखें होंगी जो एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर होगी। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि निर्वाचन सूची अच्छी हो। ऐसा सभी चाहते हैं। इसलिए आधार कार्ड को निर्वाचन सूची के साथ जोड़ रहे हैं।'