बाली के जी—20 में खर्च हुए थे 364 करोड, हमने खर्च कर दिए 4100 करोड

इतिहास में अब तक का दूसरा सबसे खर्चीला जी—20 शिखर सम्मेलन

नई दिल्ली। भारत में आयोजित जी—20 सम्मेलन की धाक पूरी दुनिया में रही। सभी ने आयोजन को खूब सराहा है। कुछ डिप्लोमेटिक सफलताएं भी भारत के हाथ लगी हैं। हालांकि अब इस शिखर सम्मेलन पर खर्च की गई राशि चर्चा का मुद्दा बन गई है। खबरों के अनुसार भारत में आयोजित यह शिखर सम्मेलन जी—20 के इतिहास का दूसरा सबसे खर्चीला आयोजन है। भारत सरकार ने आयोजन पर करीब 4100 करोड की राशि खर्च की है, जबकि पिछले साल बाली में आयोजित हुए शिखर सम्मेलन में महज 364 करोड रुपए खर्च किए गए थे। इससे पहले चीन के हैंगजू में 2016 में आयोजित जी—20 सम्मेलन में इतिहास की सबसे ज्यादा 24 बिलियन डॉलर यानी 1 लाख 90 हजार करोड रुपए की राशि खर्च की गई थी।

आइए कौन सा आयोजन कितना महंगा

क्या तय बजट से 300 गुना ज्यादा खर्च किया
इधर एक वायरल खबर में दावा किया गया है कि सरकार ने आवंटित फंड से 300 गुना ज्यादा खर्च किया है। ट्वीट के मुताबिक सरकार ने जी-20 समिट पर 4,100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, जबकि इसके लिए पिछले बार के केंद्रीय बजट में केवल 990 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इधर सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह ट्वीट मिसलीडिंग है। जिस खर्च की बात हो रही है उसमें ज्यादातर वह राशि शामिल है जिसे आईटीपीओ ने एसेट बनाने में खर्च किया। साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में खर्च राशि को भी इसमें जोड़ा गया है। यह एसेट और इन्फ्रा केवल जी-20 समिट तक ही सीमित नहीं है।