सीहोेर। तुलसी-नारायण विवाह के साथ ही शुभ कार्यों की शुरूआत भी हो गई। देव उठाने के साथ ही कई जगह शादियां हुईं। अब आज से शादी, विवाह सहित अन्य शुभ कार्योें की शुरूआत भी हो गई। देवउठनी एकादशी पर लोगोें नेे तुलसी-नारायण विवाह किया, गन्ने का मंडप बनाया। देवउठनी एकादशी कोे छोटी दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। लोगोें ने जमकर पटाखे भी चलाए।
इधर शारदा वैदिक संस्थान के तत्वाधान में नारायण पैलेस में चल रही भव्य श्रीमद भागवत रस कथा एवं तुलसी नारायण विवाह उत्सव के छठवें दिवस में ज्योतिष एवं भागवत सिंधु आचार्य पं हर्षित शास्त्री ने कहा कि जब कंस का अत्याचार बढ़ गया उससे पीड़ित संतों-महात्माओं ने कृष्ण को पुकारा तब उनकी पुकार पर कृष्ण ने बलदाऊ के साथ मथुरा जाकर कंस का वध कर पृथ्वी को कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाई। वहीं शहर के नारायण पैलेस से तुलसी नारायण विवाह उत्सव के अंतर्गत बारात निकाली गई। इसका क्षेत्रवासियों ने आस्था और उत्साह के साथ भव्य स्वागत किया। हर साल की तरह इस साल भी शारदा वैदिक संस्थान के तत्वाधान में सात दिवसीय भागवत कथा और तुलसी नारायण विवाह उत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर ज्योतिष एवं भागवत सिंधु आचार्य पं हर्षित शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओं, रुकमणी विवाह सहित अन्य प्रसंगों के बारे में विस्तार से वर्णन किया।
मनाया गया देवउठनी एकादशी का पर्व-
सोमवार को शहर के सैकड़ाखेड़ी स्थित संकल्प वृद्धाश्रम और नशा मुक्ति केन्द्र में बोर, भाजी, आंवला…उठो देव सांवला…जैसे भजनों के साथ भगवान की पूजा-अर्चना कर आराधना की गई। इस मौके पर केन्द्र के संचालक राहुल सिंह ने कहा कि हमारे यहां पर सभी पर्व को आस्था के साथ मनाया जाता है। देव उठनी ग्यारस के दौरान यहां पर मौजूद वृद्धजनों ने एकादशी के पावन पर्व पर भजन संध्या का आयोजन किया था, इसके पश्चात जोरदार आतिशाबाजी के साथ पर्व मनाया गया।