बस पांच दिन बाद चांद छू लेंगे हम

लैंडर और रोवर चांद के सबसे करीब पहुंचे

नई दिल्ली। मिशन चंद्रयान—3 में भारत ने एक और अहम उपलब्धि हासिल करते हुए लैंडर और रोवर को प्रोपल्शन मॉडल्यूल से अलग कर दिया है। अब 23 अगस्त को यान चांद की सतह छूने को तैयार है। ये पांच दिन वैज्ञानिकों के लिए बेहद अहम होने वाले हैं।
भारत के इस महत्वकांक्षी मिशन पर देश सहित दुनिया की निगाहें हैं। पहले भी भारतीय मिशन में चांद की सतह पर पानी की मौजूदगी के स्पष्ट संकेत मिलने से दुनिया का ध्यान भारतीय मेधा की ओर गया था। अब चंद्रयान—3 चांद की सतह पर रोवर की मदद से 14 दिन तक पानी की मौजूदगी सहित अन्य परिस्थितियों का बारीकी से अध्ययन करेगा।

अब कम होती जाएगी दूरी, गति करेंगे कम
चंद्रयान—3 में लैंडर और रोवर को चांद की सतह पर उतारना आसान नहीं होगा। अब वैज्ञानिक यान को धीरे धीरे चांद के करीब लाएंगे और डीबूस्टिंग के जरिए इसकी गति लगातार कम की जाएगी। 23 अगस्त को चंद्रयान—3 की सबसे कम दूरी करीब 30 किमी रह जाएगी। उस समय इसकी कक्षा में घूमने की गति 1.63 किमी प्रति सेकंड रह जाएगी। इसके बाद स्पीड को कम से कम करते हुए साफ्ट लैंडिंग के प्रयास किए जाएंगे।

मुझे चांद की ग्रेविटी महसूस हो रही है
इससे पहले भारतीय अंतरि​क्ष अनुसंधान संस्थान ने चंद्रयान—3 की ओर से एक संदेश पोस्ट करते हुए लिखा था कि हैलो, मुझे चांद की ग्रेविटी महसूस हो रही है। सतह पर उतरने से पहले चंद्रयान को कुल चार बार अपनी कक्षा कम करनी है। अब तक भारतीय मिशन शत प्रतिशत सफल रहा है।