सिंगरौली
सिंगरौली जिले में विगत दिवस हुए नगर निगम अध्यक्ष पद को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे उस पर विराम लग गया। नगर निगम अध्यक्ष पद पर भले भाजपा का कब्जा हो गया है परंतु ठीक इसके विपरीत इस बार जिले में नई पार्टी के आगमन के बाद जिस तरह से लोगों ने बदलाव की उम्मीद जताई थी वह भी पूर्ण रूप से समाप्त होती दिखी।
दरअसल पूरे चुनाव कार्यक्रम के बाद जनमानस ने स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी ने खुद के पतन का इतिहास लिख दिया है। आप पार्टी भाजपा के लिए कार्य कर रही है। जनता ने इस बार भले ही धोखा खाया परंतु आगे आने वाले चुनावों में आम आदमी पार्टी महज एक प्रत्याशी बनकर ही चुनावों तक सिमट कर रह जाएगी। उक्त बातें कांग्रेस पार्टी सिंगरौली जिला अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल ने शनिवार को अपने कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में कही
नगर निगम अध्यक्ष पद भाजपा की झोली में चला गया परंतु प्रशासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान जिस तरह से अनियमितता नजर आई, वह किसी साजिश की तरफ इशारा कर रही। दरअसल पूरे कार्यक्रम की रुपरेखा जिस तरह से तैयार की गई थी, जिसमें की शपथ समारोह जिला मुख्यालय स्थित अटल बिहारी सामुदायिक भवन में संपन्न कराया जाना था एवं हुआ भी परंतु इस पूरे शपथ समारोह को लेकर प्रशासन के ऊपर उंगलियां इसलिए भी उठ रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की जीतकर आए सभी पार्षदों को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में शपथ दिलाई गई एवं भाजपा के अलावा अन्य दलों के पार्षदों को अटल बिहारी सामुदायिक भवन पर शपथ दिलाई इसे लेकर भी काफी ज्यादा हंगामा मचा रहा।
भाजपा पार्षदों ने कलेक्ट्रेट में ली शपथ
भारतीय जनता पार्टी के 23 पार्षदों को जिला प्रशासन के द्वारा नियत समय से पूर्व ही कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में ही शपथ दिला दी गई परंतु प्रशासन के द्वारा सामूहिक शपथ समारोह का कार्यक्रम जिला मुख्यालय स्थित अटल बिहारी सामुदायिक भवन में होना तय था, लेकिन भाजपा समर्थित पार्षदों का शपथ समारोह कलेक्ट्रेट सभागार में होने को लेकर प्रशासन की नियत पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है।
नगर निगम अध्यक्ष पद को लेकर लगातार क्षेत्र में चर्चा थी कि इस बार नगर निगम अध्यक्ष पद की सीट पर कांग्रेस का कब्जा होगा, इस बात की गंभीरता को देखते हुए सत्ता पर काबिज पार्टी महापौर एवं पंचायत चुनाव के नतीजे के बाद से सक्ते में थे। इन सबके मद्देनजर शायद अध्यक्ष पद की निर्वाचन प्रक्रिया दो चरणों में करा दी गई
कांग्रेस पदाधिकारी हुए नाराज लगाए प्रशासन मुर्दाबाद के नारे
अटल बिहारी सामुदायिक भवन में शपथ समारोह कार्यक्रम के दौरान जिला प्रशासन के द्वारा भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का शपथ ग्रहण जिला कलेक्ट्रेट परिसर में कराया गया, जिसे लेकर कांग्रेस के नेताओं सहित कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिली। इतना ही नहीं अटल बिहारी सामुदायिक भवन में जब भाजपा छोड़ अन्य दलों को शपथ दिलाई जाने का कार्यक्रम शुरू हुआ तो वह भी हंगामे की भेंट चढ़ गया।
दरअसल कांग्रेस नेता इस बात से नाराज थे कि जब सभी पार्षदों को एक जगह पर ही शपथ दिलाने को लेकर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई थी तो भाजपा पार्षदों को अलग से जिला कलेक्ट्रेट में आखिरकार क्यों शपथ दिला दी गई और सिर्फ वोटिंग के लिए उन्हें सामुदायिक भवन में लाया गया।
प्रशासन की इस नीति से नाराज होकर कांग्रेस नेताओं सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अटल बिहारी सामुदायिक भवन के सभागार में प्रशासन मुर्दाबाद के नारे कांग्रेस नेताओं के द्वारा लगाए जाने लगे।
सभागार में कांग्रेस पार्षद जमीन पर बैठकर प्रशासन के फैसले का किया विरोध
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भाजपा पार्षदों का शपथ ग्रहण अलग से कराए जाने को लेकर कांग्रेस के नेता एवं पार्षद गण सहित कार्यकर्ताओं में अच्छी खासी नाराजगी देखने को मिली। प्रशासनिक रवैया को देखते हुए कांग्रेस के सभी पार्षदों ने जमीन पर बैठकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि इस बीच सभागार में मौजूद जिला प्रशासन के आला अधिकारियों सहित अन्य दलों के लोग तमाशबीन बने रहे एवं महापौर पद की शपथ रानी अग्रवाल के द्वारा ली गई।
सभागार में भाजपा पार्षदों के वोट नहीं डालने की चर्चा
एक दल के पार्षद ने नाम ना छापने की शर्त बताया कि भाजपा के पार्षदों ने अध्यक्ष पद को लेकर मतपेटी में मत नहीं डालें। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में कितनी सच्चाई है, इसकी पुष्टि हम नहीं करते हैं परंतु इस बात से इनकार इसलिए भी नहीं किया जा सकता है कि भाजपा पार्षदों को अलग जगह शपथ दिलाकर मतदान स्थल तक लाया गया जो कहीं न कहीं इस बात की तरफ इंगित करता है कि संबंधित मामले में कांग्रेस के साथ एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है
मंशा और कृत्य पर भाजपा छोड़ अन्य राजनैतिक दलों एवं जनता ने खड़े किए सवाल
विगत दिवस हुए कार्यक्रम में जिस तरह से पूरा घटनाक्रम देखने को मिला। उसे लेकर जहां भाजपा को छोड़कर अन्य सभी राजनैतिक दल सिवाय आपके इस पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है की आखिरकार सिर्फ भाजपा पार्षदों को कलेक्ट्रेट सभागार में अलग से शपथ कार्यक्रम का आयोजन क्यों किया गया
प्रशासन के इस दोहरे मापदंड को लेकर सिर्फ राजनीतिक दल ही नहीं आम जनमानस ने भी सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है। किसी ने प्रशासनिक अधिकारियों को भाजपा शासन का एजेंट बताया तो किसी ने भाजपा शासन की कठपुतली तक कह डाला। ज्यादातर लोगों ने संबंधित घटनाक्रम को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि जिस तरह से यह कृत्य हुआ है वह लोकतंत्र की हत्या है।
अपनी बातों को रखते हुए लोगों ने यहां तक भी कह दिया कि यदि प्रशासन को ऐसा ही करना था तो फिर यह चुनाव प्रक्रिया ही क्यों ? बिना चुनाव के ही घोषणा कर देनी चाहिए थी या आडंबर रचने की जरूरत ही क्या थी
जनता ने कहा आप ने तोड़ा भरोसा
अध्यक्ष पद को लेकर आए परिणामों के बाद जनता की तीखी प्रक्रिया देखने को मिली। सड़क व चौक-चौराहों से लेकर सोशल मीडिया तक में आम आदमी पार्टी को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगी है। हर तरफ आम आदमी पार्टी को लेकर लोग तंज कस रहे थे कि आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की बी-टीम है एवं लोगों ने कहा कि जब भाजपा के हाथों में सत्ता सौंपनी थी तो फिर जनता से विश्वासघात क्यों किया, दरअसल चला गया तो जनता का विश्वास ही।
जिले में जिस राजनीतिक दल का कोई तैयार जमीन नहीं था उस दल के महापौर की गद्दी पर जनता ने पार्टी को बैठा दिया। भले ही भाजपा के 23 पार्षदों ने वार्ड में जीत हासिल कर पार्षद बने परंतु अध्यक्ष पद को लेकर जो कयास शुरुआत से लगाए जा रहे थे कि अध्यक्ष इस बार कांग्रेस पार्टी के हाथों में जाएगा, उस पर आप के पार्षदों के द्वारा भाजपा के पक्ष में वोटिंग कर अध्यक्ष की कुर्सी थमा दी गई।
सिंगरौली नगर निगम अध्यक्ष पद चुनाव में आम आदमी पार्टी पार्षदों द्वारा भाजपा समर्थित उम्मीदवार को वोट करने से कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी आल्ह नेतृत्व से चर्चा करने के बाद आप नेता रानी अग्रवाल ने समर्थन का ऐलान किया या भाजपा को समर्थन देने का उनका व्यक्तिगत निर्णय रहा, यह आम आदमी पार्टी के थिंक टैंक का चिंता का विषय है।
जिस तरह से रानी अग्रवाल ने अरविंद केजरीवाल के सेनापति के तौर पर मध्य प्रदेश की राजनीति में सिंगरौली जिले के मेयर पद को जीतकर धमाकेदार एंट्री की थी। लेकिन आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय व विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपना प्रतिद्वंदी मानकर चुनाव लड़ती है, ऐसे में आम आदमी पार्टी पार्षदों द्वारा भाजपा को समर्थन देने से प्रतीत हो रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश आम आदमी पार्टी रणनीतिकारों ने अभी से वाक ओवर घोषित कर दिया। कांग्रेस सिंगरौली जिला अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल ने आम आदमी पार्टी के कथनी और करनी पर तंज कसते हुए उन्हें भाजपा की टीम बता दिया।