शिमला । हिमाचल प्रदेश में जीत के बाद कांग्रेस में सीएम की रेस में सबसे आगे कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश प्रमुख प्रतिभा सिंह हैं जो वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं पिछले साल अपनी मृत्यु तक इस पहाड़ी राज्य में वो कांग्रेस के सबसे बड़े नेता थे।
प्रतिभा सिंह मंडी से लोकसभा सांसद हैं और एक पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा लेकिन प्रभावी ढंग से कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व किया। वह कांग्रेस विधायकों के समर्थन का दावा करती हैं जो उनके पति वीरभद्र सिंह के प्रति वफादार थे जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में तीन दशकों से अधिक समय तक पार्टी का नेतृत्व किया।
उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह जिन्होंने शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ा और जीता उन्होंने एक से कहा था एक बेटे के रूप में मैं चाहता हूं कि प्रतिभा जी को एक बड़ी जिम्मेदारी मिले। एक बेटा होने के अलावा मैं पार्टी का एक जिम्मेदार नेता भी हूं। इसीलिए पार्टी जो भी फैसला करेगी हम उसका सम्मान करेंगे। मुझे यकीन है कि पार्टी इस बात का ध्यान रखेगी कि लोग क्या चाहते हैं।
उन्होंने कहा हमें वीरभद्र जी के दिखाए रास्ते पर चलना है। सरकार वीरभद्र सिंह विकास मॉडल पर काम करेगी। वह आज स्वर्ग में जरूर मुस्कुरा रहे होंगे। उनके अलावा तीन अन्य दावेदार हैं पूर्व राज्य प्रमुख सुखविंदर सिंह सुखू निवर्तमान विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री और हर्षवर्धन चौहान। पार्टी को भाजपा के ऑपरेशन लोटस का भी डर है। मुकेश अग्निहोत्री का मानना है कि राज्य विधानसभा में पार्टी की स्थिति को मजबूती से सामने रखने के लिए वह शीर्ष पद के हकदार हैं।
इसमें और भी नाम हैं। राज्य कांग्रेस के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह राठौर का दावा है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में गहरी विभाजित पार्टी को एक साथ लाया। राठौर को कुछ महीने पहले ही प्रतिभा सिंह द्वारा प्रमुख के रूप में बदल दिया गया था। कहा जाता है कि कांग्रेस के कई नेताओं ने इस उम्मीद में चुनाव लड़ा था कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाएगा। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया।
सीएम पद के दौड़ में कड़वाहट आने की कांग्रेस की चिंता के बीच नेताओं ने नवनिर्वाचित विधायकों को चंडीगढ़ या रायपुर ले जाकर रखने पर विचार किया था। लेकिन पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई।