‘RSS के लिए हिंदू होने का मतलब BJP का सदस्य होना है…’, सिद्धारमैया ने संघ पर उठाए गंभीर सवाल

चेन्नई
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरएसएस पर अपने 'आर्यन' ताने को और आगे बढ़ाते हुए उनके 'असली हिंदू' होने के दावे पर भी सवाल उठाए हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार (‌28 मई) को संघ परिवार के "सभी हिंदुओं" का प्रतिनिधित्व करने के दावों पर सवाल उठाया है और कहा है कि वो सिर्फ, जबकि राजनीतिक रूप से भाजपा का समर्थन करते हैं। सिद्धारमैया ने आरएसएस और भाजपा द्वारा हिंदुओं की परिभाषा पर सवाल उठाया और कहा, ''आरएसएस के अनुसार किसी को हिंदू के रूप में कैसे पहचाना जाता है? क्या हिंदू माता-पिता के लिए पैदा होना काफी है? या किसी को भाजपा का सदस्य होना चाहिए…''

'RSS के कितने पदाधिकारी दलित और पिछड़े वर्ग से हैं…'
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सभी जातियां आरएसएस के इस हिंदू दृष्टिकोण में फिट बैठती हैं। सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा, ''आरएसएस, जो दावा करता है कि सभी हिंदू एक हैं, ने अपने सभी पदाधिकारियों के पदों को सिर्फ एक जाति के लिए आरक्षित क्यों किया है? आरएसएस के कितने पदाधिकारी दलित और पिछड़े वर्ग से हैं?''

'क्या RSS की उत्पत्ति भारत में हुई थी…?'
जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर 27 मई को एक भाषण के दौरान, सिद्धारमैया ने पूछा कि क्या आरएसएस की उत्पत्ति भारत में हुई थी और क्या यह आर्य या द्रविड़ संगठन था? सिद्धारमैया ने पूछा था, ''क्या आरएसएस भारत का मूल निवासी है? हम चुप हैं और इस पर बेवजह चर्चा नहीं करना चाहते। क्या आर्य इसी देश के हैं? क्या वे द्रविड़ हैं? हमें उनके मूल को देखना होगा…."
 
'पहले कांग्रेस ये घोषित करें कि वह आर्य हैं या द्रविड़…'
असल में सिद्धारमैया ने पाठ्यपुस्तक संशोधन समिति की सिफारिश पर कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए आरएसएस के संस्थापक के बी हेडगेवार के भाषण को स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने की बात पर ये सवाल पूछे थे।