राजनीतिक

भगत सिंह कोश्यारी को खामोश रहने के निर्देश? मराठी मानुष बयान को सेल्फ गोल मान रही भाजपा

नई दिल्ली
मराठी मानुष को लेकर विवादित बयान देना महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के गले की फांस बनता जा रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें अब अपना मुंह बंद रखने के निर्देश दिए हैं। इस अनुमान को हवा उस वक्त मिली जब दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कोश्यारी ने मीडिया को देखकर मुंह फेर लिया। हालांकि कोश्यारी ने अपने बयान के लिए माफी भी मांग ली है, इसके बावजूद पार्टी पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद भाजपा अब फूंक-फूंककर कदम रख रही है।

मीडिया को देख हटे पीछे
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी इस समय दिल्ली में हैं। उन्होंने महाराष्ट्र सदन में 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरुआत की। महाराष्ट्र टाइम्स के मुताबिक इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। कोश्यारी ने कहा कि मैं बात नहीं करूंगा। यहां एक मुख्यमंत्री है, उनसे बात करें। मैं बात नहीं करना चाहता। कोश्यारी ने यह भी कहा कि राज्यपाल को नहीं बोलने का आदेश दिया गया है। कोश्यारी के इस बयान से अंदाजा लगाया जा रहा है कि पार्टी द्वारा उन्हें मुंह बंद रखने का आदेश दिया गया है। हालांकि राज्यपाल के संवैधानिक पद होने के कारण अब इस सवाल पर बहस हो सकती है कि क्या कोई उन्हें इस तरह से बोलने से मना कर सकता है।

इस बयान पर मचा था बवाल
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने हाल ही में मुंबई में एक कार्यक्रम में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर गुजराती और मारवाड़ियों ने छोड़ दिया तो मुंबई आर्थिक राजधानी नहीं होगी। उनके इस बयान के बाद पूरे प्रदेश में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। जिसके चलते भाजपा दुविधा में थी। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत भाजपा और एकनाथ शिंदे समूह के नेताओं ने भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया था। बाद में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भारी माफी मांगनी पड़ी। राज्यपाल ने अपने स्पष्टीकरण में कहा था कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मुझे गर्व है कि छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी व्यक्ति की इस भूमि में राज्यपाल के रूप में सेवा करने का अवसर मिला है।

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