पटना. होली की खुमारी अभी टूटी भी नहीं थी कि बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने 9 मार्च की सुबह 45 सांगठनिक जिलों में नये अध्यक्षों के नामों की सूची जारी कर दी.
पार्टी सूत्रों की मानें तो इन जिला अध्यक्षों के नामों की सूची की प्रतीक्षा की जा रही थी. प्रदेश नेतृत्व ने सूची को अंतिम रूप देने के पहले पार्टी के सांसदों विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से भी विमर्श किया है. इन नये अध्यक्षों का मनोनयन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि 2024 का अगला लोकसभा चुनाव और 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव इन्हीं जिला अध्यक्षों के नेतृत्व में लड़ा जाना है.
नामों की फेहरिस्त पर एक नजर डालने से यह स्पष्ट है कि इसमें समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की पूरी कोशिश की गई है. इनमें अगड़ी जाति से लेकर पिछड़ी और यहां तक की अतिपिछड़ी जाति से आनेवाले लोगों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है.
बिहार में भाजपा ने सांगठनिक जिलों के 45 अध्यक्ष बदले.
पाटलिपुत्र से भाजपा सांसद रामकृपाल यादव का दावा है कि भाजपा अध्यक्षों की यह सूची सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. सांसद ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव और 2025 के लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए चुनौती जरूर है, लेकिन अंतिम जीत भाजपा की ही होगी.
बहरहाल प्रदेश अध्यक्ष द्वारा सूची जारी किए जाने के साथ ही भाजपा में सरगर्मी बढ़ गई है. कार्यकर्ताओं को लेकर नेताओं में उत्साह का आलम है. जिस तरीके से नई सूची को लेकर भाजपा हलचल बढ़ी है और नेता जैसे जोश में दिख रहे हैं ऐसे में यह भाजपा के चुनाव की तैयारी का आगाज माना जा रहा है.