गोवा में कम नहीं हो रही भाजपा की मुश्किलें, पर्रिकर के बेटे के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री पारसेकर ने छोड़ी पार्टी

पणजी।

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता 65 वर्षीय लक्ष्मीकांत पारसेकर ने शनिवार रात भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पारसेकर विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट नहीं देने से नाराज थे। पारसेकर ने भाजपा गोवा अध्यक्ष सदानंद तनावडे को अपने त्याग पत्र में कहा कि मैं भाजपा, गोवा प्रदेश की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा देता हूं। मुझे तत्काल प्रभाव से मेरी गतिविधियों से संबंधित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करें। पारसेकर ने गोवा विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा घोषणापत्र समिति के संयोजक के पद से भी इस्तीफा दे दिया।

इससे पहले पारसेकर ने कहा कि मैं एक ईमानदार भाजपा कार्यकर्ता था। मैंने जो भी विकास कार्य किया, वह जनता के पैसे से किया गया था, न कि मेरी जेब से। लेकिन आज वे विकास कार्य लंबित हैं। अगर वे पूरे नहीं हुए तो जनता के पैसे बर्बाद करने का दुख मेरे दिमाग में रहेगा। इसलिए उस विकास कार्य को पूरा करने के लिए मुझे सरकार में पार्टी में शामिल होने की जरूरत नहीं है। मैं एक विधायक के रूप में भी उन विकास कार्यों को पूरा कर सकता हूं। पारसेकर ने कहा कि वह वर्षों से भाजपा के सदस्य थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें हल्के में लिया।
 

उन्होंने कहा, पांच साल में मैंने जो विकास कार्य किए हैं, उन्हें जानबूझकर रोक दिया गया है। इसका दुख मेरे मन में है। वह विकास कार्य पूरा होना चाहिए। एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा। भाजपा ने मांद्रेम विधानसभा सीट के लिए मौजूदा विधायक दयानंद सोपते को नामांकित किया है। इस सीट का पारसेकर ने 2002 से 2017 के बीच प्रतिनिधित्व किया था। सोपते ने 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर पारसेकर को हराया था, लेकिन 2019 में नौ अन्य नेताओं के साथ सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए थे। पारसेकर 2014 से 2017 के बीच गोवा के मुख्यमंत्री थे। उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद राज्य का मुख्यमंत्री चुना गया था। भाजपा ने 14 फरवरी के गोवा विधानसभा चुनाव के लिए 34 प्रत्याशियों की पहली सूची की घोषणा कर दी है। राज्य में विधानसभा की 40 सीट हैं।