भोपाल
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब पार्टी एक्शन मोड में आ गई है। भाजपा के उम्मीदवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए वोट देने वाले कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ पार्टी एक्शन लेगी। इसके चलते ही सभी जिलों से जिला पंचायत और जनपद पंचायत चुनाव की डिटेल्स प्रदेश कांग्रेस ने मांगी है।
कांग्रेस का पहले दावा था कि वह 25 से ज्यादा जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने जा रही है, लेकिन शुक्रवार को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उसके दावे की पोल खुल गई। उसके दावे अनुसार महज 10 जिलों में ही उसके जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए। जबकि भाजपा के दावे के अनुसार कांग्रेस सिर्फ जिलों में ही अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा सकी।
कांग्रेस के 25 से ज्यादा जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का दावे की हवा निकलते ही वह एक्शन मोड में आ गई है। भोपाल में शुक्रवार को ही चार नेताओं को कांग्रेस ने पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया। इसके बाद अब उन जिलों की समीक्षा होगी, जहां पर कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य भाजपा से ज्यादा थे, या बराबर थे, इसके बाद भी कांग्रेस अपना जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं जीतवा सकी। यहां पर कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वालों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
कई उम्मीदवार जा सकते हैं कोर्ट
इधर यह भी तय किया जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के कुछ उम्मीदवार अपनी हार पर हाईकोर्ट जा सकते हैं। भोपाल जिला पंचायत की उम्मीदवार कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। इस तरह बाकी के जिलों से कमलनाथ की समीक्षा के बाद उम्मीदवार के पास यदि मजबूत सबूत हुए तो उन्हें भी हाईकोर्ट में याचिका लगाने के लिए कहा जा सकता है। हाईकोर्ट जाने का फैसला कमलनाथ एक-दो दिन में कर लेंगे।