चंडीगढ़| हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने गरीबों के राशन कार्ड और बुजुर्गों की पेंशन में कटौती के लिए परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को हथियार बना दिया है। उन्होंने एक बयान में कहा- बिना किसी जानकारी और जांच के सरकार अंधाधुंध लोगों की पेंशन और राशन रोक रही है। परिवार पहचान पत्रों में बेतरतीब और आधारहीन आय दिखाकर अब तक लगभग 5 लाख बुजुर्गों की पेंशन और लगभग 10 लाख गरीब परिवारों के राशन कार्ड हटा दिए गए हैं। बुजुर्ग और गरीब परिवार अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल पा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में गंभीर त्रुटियां हैं। दिल्ली पुलिस में 10 साल से काम कर रहे एक व्यक्ति को बीपीएल सूची में डाल दिया गया है और गरीब विधवाओं के नाम इस सूची से हटा दिए गए हैं। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर मुख्य रूप से जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों की परिवार पहचान पत्र में लाखों की आय दिखाई गई।
उन्होंने कहा- ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं कि रेहड़ी-पटरी वालों और चाय बेचने वालों की आय भी सरकारी कर्मचारियों की आय से अधिक दिखाई गई है। सरकार ने बिना किसी जांच और जानकारी के फैमिली आईडी में लोगों की आय का कॉलम भर दिया। सरकार के पास परिवार कार्ड पर जानकारी सत्यापित करने का कोई तरीका नहीं है। हुड्डा ने कहा कि पीपीपी की आड़ में न केवल पेंशन और राशन बल्कि गरीबों को सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, गरीब परिवारों को आयुष्मान योजना से भी वंचित किया जा रहा है। यह मुद्दा कांग्रेस ने विधानसभा में भी उठाया था और हमने सरकार को तथ्यों के साथ बताया कि परिवार पहचान पत्र और संपत्ति पहचान पत्र में किस तरह से बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। सरकार की गलती का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है, लेकिन सरकार सब कुछ जानते हुए भी अनभिज्ञ होने का नाटक करती रही। सरकार की नीतियों के प्रभाव से राज्य का हर वर्ग परेशान है। हुड्डा ने दोहराया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर लोगों को पीपीपी और संपत्ति पहचान पत्र जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा, प्रत्येक पात्र बुजुर्ग को स्व-घोषित आय के आधार पर पेंशन दी जाएगी और गरीब परिवारों को पीला राशन कार्ड दिया जाएगा।